समाज के लोगो को मुख्य धारा से जोड़ना मेरा पहला कर्तव्य है: बैजू गहलोत
चौपारण : चौपारण प्रखंड मुख्यालय स्थित नगर भवन में सोमवार को भारत रत्न, संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के अग्रदूत और दलितों के मसीहा डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर एक भव्य व गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जाति जनजाति परिसंघ, चौपारण इकाई द्वारा किया गया, जिसमें क्षेत्र के समाजसेवी, राजनीतिक प्रतिनिधि, बुद्धिजीवी वर्ग तथा बड़ी संख्या में आम नागरिकों ने भाग लिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता परिसंघ के प्रखंड अध्यक्ष रेवाली पासवान ने की, जबकि मंच संचालन भी उन्होंने ही किया। मुख्य अतिथि के रूप में परिसंघ के जिला कार्यकारी अध्यक्ष सह प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष बैजू गहलोत उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी भुनेश्वर यादव, ताजपुर पंचायत की मुखिया उषा देवी, मुखिया उपेंद्र यादव उर्फ गुलाबी यादव, बरही कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष मनान वारसी, कार्तिक पासवान, प्रेमधारी पासवान, अनिल वर्णवाल, बीरबल साव सहित कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की।समारोह की शुरुआत डॉ. भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इस अवसर मुख्यअतिथि बैजू गहलोत ने बाबासाहब के जीवन संघर्ष, उनके विचारों, और सामाजिक न्याय के लिए किए गए उनके अतुलनीय योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
अन्य वक्ताओ ने एक स्वर में उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और समाज में समानता, भाईचारा एवं शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही।कार्यक्रम में परिसंघ के संरक्षक अभिमन्यु प्रसाद भगत, सचिव कृष्णा पासवान, उपाध्यक्ष मोहन भारती, संतोष रविदास, कोषाध्यक्ष संतोष रजक, सुकेश रजक, आलोक पासवान, रामचंद्र पासवान, नरेश पासवान, पंकज पासवान, अभिषेक गहलोत, अजय पासवान, विनोद भुइया, मनोहर मुंडा, बंधन मुंडा, नरेश सिंह, पप्पू चंद्रवंशी, रितेश चंद्रवंशी, संतोष चंद्रवंशी, बद्री भुइया, महेश यादव, रामबिलास भुइया, नरेश तुरी, गोपाल प्रसाद, हेवन्ती देवी, सुनीता देवी, दुलारी देवी, तुलसी रविदास सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति की गई, जिसमें स्थानीय युवाओं और बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में डॉ. अम्बेडकर के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने तथा सामाजिक समरसता को सशक्त करने की दिशा में एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया गया।समारोह का समापन देश के महान सपूत को नमन करते हुए और उनके सपनों के भारत के निर्माण के संकल्प के साथ किया गया।
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