Ranchi: तो क्या हिमंता बिस्वा सरमा झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बनेंगे? क्या हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री पद को छोड़ेंगे? दरअसल ये जानकारी झारखंड मुख्यमंत्री मोर्चा के हवाले से आ रही है। झामुमो को इस बात की खबर मिली है कि हिमंता बिस्वा सरमा अब झारखंड की राजनीति करने वाले हैं। झामुमो के मुख्य प्रवक्ता सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा है कि उन्हें सूचना मिली है कि हिमंतब बिस्वा सरमा जल्द ही असम के मुख्यमंत्र के पद से इस्तीफा देकर झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बनेंगे।
प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हिमंता अगर नेता प्रतिपक्ष बनते हैं, तो झामुमो इसका स्वागत करेगी। आपको बता दें कि हिमंता को झारखंड में भाजपा ने चुनाव सह प्रभारी बनाया था। उन्होंने ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं भी की थी, हालांकि इतनी मेहनत के बावजूद पार्टी चुनाव में बूरी तरह से हार गयी। इस हार के बाद से ही हिमंता पर झामुमो कटाक्ष कर रही है।
आमजन के प्रति समर्पित है सरकार- सुप्रियो
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी मंत्री को जिलास्तर पर जाकर समीक्षा करने का निर्देश दिया है. यह दर्शाता है कि मंईयां सम्मान योजना को लेकर सरकार की संवेदनशीलता दिखलाती है. उन्होंने कहा कि हमारे प्राथमिकता राज्य के हर व्यक्ति को सुविधा मुहैया कराने की है.झारखंड में बिचौलियों की खैर नहीं- सुप्रियोरांची में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ओबीसी को पर्याप्त भागीदारी मिलने के बावजूद बीजेपी के द्वारा निम्न स्तर की हरकत की जा रही है. पूर्व की बीजेपी सरकार में झारखंड को लूटा गया.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी मंत्री को जिलास्तर पर जाकर समीक्षा करने का निर्देश दिया है। यह दर्शाता है कि मंईयां सम्मान योजना को लेकर सरकार की संवेदनशीलता दिखलाती है. उन्होंने कहा कि हमारे प्राथमिकता राज्य के हर व्यक्ति को सुविधा मुहैया कराने की है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य की नई हेमंत सोरेन सरकार बहुजन के प्रति समर्पित है। सर्वजन का विकास सर्वजन का विश्वास इस सरकार का मुख्य लक्ष्य है. हमारे घोषणा पत्र और निश्चय पत्र के प्रति हमारी जवाबदेही बढ़ी है। महिला बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी किसी महिला मंत्री को इसलिए नहीं दिया गया है क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना को पूरी गंभीरता से आगे ले जाना चाहते हैं।
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