हजारीबाग: 50 लाख रुपये का सालाना टर्नओवर दिखाकर आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने वाला अभियुक्त आनंद प्रकाश बूबना, जो कई दिनों से फरार था, को रविवार रात लोहसिंघना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
कुटुंब न्यायालय हजारीबाग में आनंद प्रकाश बूबना, पिता ओम प्रकाश बूबना, के खिलाफ उनकी पत्नी पायल अग्रवाल द्वारा मेंटेनेंस केस किया गया था। 2019 में फैमिली कोर्ट ने आदेश दिया था कि आनंद प्रकाश बूबना अपनी पत्नी और बच्ची को 9000 रुपये प्रतिमाह दें। यह मामला केस नंबर 140/19 के तहत दर्ज था। अभियुक्त ने आज तक यह कहकर एक भी किस्त नहीं दी कि वह अपने पिता की दुकान में 7000 रुपये की मजदूरी करते हैं।
2023 में भी मेंटेनेंस केस के तहत आनंद प्रकाश बूबना को जेल भेजा गया था। रविवार रात 9:00 बजे लोहसिंघना पुलिस ने उसे उसकी दुकान, रानी सती भंडार, न्यू एरिया, दूसरी गली से गिरफ्तार कर लिया और सोमवार को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में उसने जज के सामने कहा कि उसके पास पैसे नहीं हैं और उसे जेल भेज दिया जाए।
न्यायालय में, पायल अग्रवाल ने आनंद प्रकाश बूबना का आईटीआर दिखाया जिसमें उसने अपने दुकान के माध्यम से 50 लाख रुपये का टर्नओवर दिखाया था। जब जज ने आनंद प्रकाश बूबना और उसके भाई गणेश प्रकाश बूबना से पूछताछ की, तो गणेश प्रकाश बूबना ने स्वीकार किया कि उनका जॉइंट बिजनेस है जिसमें उनके माता-पिता, भाभी, भाई और बहन सभी शामिल हैं और वे सभी आईटीआर भरते हैं।
न्यायालय ने आनंद प्रकाश बूबना को आखिरी चेतावनी दी और लोहसिंघना थाना प्रभारी को आदेश दिया कि आनंद प्रकाश बूबना की सारी संपत्ति का मुआवजा किया जाए और पायल अग्रवाल को उसमें से अंश दिया जाए। कोर्ट ने पायल अग्रवाल से आनंद प्रकाश बूबना की संपत्ति के सबूत मांगे।
पायल अग्रवाल ने बताया कि जब वह सबूत जुटाने के लिए न्यू एरिया, दूसरी गली गई, तो लौटते समय उसके देवर गणेश प्रकाश बूबना, नंद लक्ष्मी बूबना और जेठानी अनीता बूबना ने उसके साथ मारपीट की और गाली-गलौज करते हुए अश्लील धमकियां दीं। उन्होंने पायल और उनकी बेटी को जान से मारने की धमकी भी दी।
यह मामला 2019 से न्यायालय में चल रहा है, लेकिन पायल अग्रवाल को अभी तक न्याय नहीं मिला है। पायल के माता-पिता भी अब इस दुनिया में नहीं हैं, जिससे पायल और उनकी बच्ची के लिए आत्महत्या के अलावा कोई और रास्ता नहीं दिख रहा है।
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