लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में जेल अदालत का आयोजन, एक बंदी हुआ मुक्त, विधिक जागरूकता शिविर और मेडिकल कैंप में सैकड़ों बंदियों को कानूनी और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी और सहायता प्रदान की गई।
हजारीबाग : झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार रविवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में एक जेल अदालत का आयोजन किया गया। यह जेल अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में और प्रधान जिला जज रंजीत कुमार के निर्देश के अनुसार लगाया गया था। इस जेल अदालत में एक बंदी को मुक्त भी किया गया। इसके साथ ही बंदियों के बीच कानूनी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक विधिक जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया था।
इस शिविर में सैकड़ो की संख्या में बंदी उपस्थित हुए और न्यायिक पदाधिकारी के द्वारा विभिन्न कानून और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं से भी सभी ने उन्हें अवगत कराया। इस मौके पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एसएन लमय, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अवनिका गौतम, अनुमंडल न्यायिक पदाधिकारी कावेरी कुमारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह सब जज गौरव खुराना और न्यायिक दंडाधिकारी अभिनव कुमार भी मौजूद थे। इस दौरान सभी न्यायिक पदाधिकारी बंधिया से उनके मामलों में आ रही परेशानियों से भी रूबरू हुए और उन्हें उचित कानूनी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर उन्हें आश्वस्त भी किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने उन्हें मिलने वाली निःशुल्क कानूनी सुविधाओं से भी उन्हें अवगत कराया और उन्हें इसका लाभ उठाने की अपील की।
मेडिकल कैंप का आयोजन
झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर रविवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में एक मेडिकल चेकअप कैंप का भी आयोजन किया गया था। इस कैंप में बंदियों ने बारी-बारी से अपने स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से उपस्थित चिकित्सकों को अवगत कराया। और उनका उचित मार्गदर्शन प्राप्त किया।
जरूरतमंद बंदियों को नि:शुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई। इस मेडिकल कैंप में बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारियों, आंख की समस्याओं, मधुमेह और रक्तचाप जैसे बीमारियों से संबंधित बंदियों का जांच किया गया और उन्हें उचित सलाह दी गई। इस मेडिकल कैंप में सर्जन डॉक्टर अंकित जयपुरियार, आंख के सर्जन डॉक्टर परिमल पीयूष, हड्डियों के डॉक्टर मृत्युंजय कुमार, एएनएम के तौर पर नीलम कुमारी और सुबी कुमारी, फार्मासिस्ट प्रदीप सोरेन, एलटी शंकर प्रसाद केसरी और एमपीडब्ल्यू मंजूर हसन मौजूद थे।
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