संजर मलिक के भांजे को मौलाना असफाक़ बहरौची ने पगड़ी पोशी के साथ माला और वस्त्र पहनाकर हाफ़िज की उपाधि से नवाजा
हजारीबाग : मकतब दीनियात अल-बकियात-उल-सालेहात में एक भव्य जलसा आयोजित किया गया, जिसमें अदनान अहमद को मुकम्मल कुरान पाक हिफज़ करने पर सम्मानित किया गया। अदनान अहमद, जो समाजसेवी सह शांति समिति सदस्य और झारखंड आंदोलनकारी फहिम उद्दिन अहमद उर्फ संजर मलिक के भांजे हैं, को मौलाना असफाक़ बहरौची ने पगड़ी पोशी के साथ माला और वस्त्र पहनाकर हाफ़िज की उपाधि से नवाजा।
इस मौके पर उनकी माता इशरत जहां और पिता राफे अहमद ने अपने छोटे पुत्र को हाफीज़े कुरान की शिक्षा देने पर गर्व व्यक्त किया और ढेर सारी मुबारकबाद दी। मौलाना असफाक़ बहरौची ने कहा कि जिस घर में एक हाफीज़े कुरान होगा, वह अपने कुल में से सात पुश्तों को रब से बख्सवायेगा। यह जिंदगी एक फरेब है, और हम सभी इंसानों को आखरत की तैयारी करनी चाहिए।
हज्जन सुरैया जमाल ने अपने नाती की इस उपलब्धि पर अत्यधिक खुशी व्यक्त की और सभी के लिए नेक औलाद की कामना की। उन्होंने कहा कि बच्चे मोम की तरह होते हैं, उन्हें जिस सांचे में ढाला जाए, वे वैसा ही बनते हैं।
इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में यूपी के शेखुल इस्लाम हज़रत मौलाना मुफ्ती सैयद मुहम्मद अफ्फान साहब मंसुरपुरी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन हज़रत मौलाना मुहम्मद तनवीर जकी पुर्णिया ने किया। इस आयोजन में हजरत मौलाना कारी मुहम्मद अंसारुल्लाह कासमी, मुफ्ती मोहम्मद इमरान, मौलाना शफीकउल्लाह अल कासमी, कारी मुहम्मद इस्राईल, और नजीम मकतब कारी इरफानुल्लाह चतरा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस जलसे में छह हुफ्फाज़ के सिर पर दस्तारे फजिलत बांधी गईं। हजारों लोग इस आयोजन के गवाह बने और सामूहिक दुआएं की गईं। सभी ने अपने देश हिंद में अमन, प्रेम और सौहार्द बने रहने की कामना की।
इस मौके पर रास अहमद, साद अहमद, फैजा़न अहमद, राशिद अहमद, आतिफ अहमद, तलत खानम, शबीहा नाज, गुडिया सुतरी, अलिहा जुमैरा, आयशा जमाल, नाज़ प्रवीन, और शफक सहित कई लोग शामिल हुए और सवाब के भागीदार बने।
इस जलसे ने यह साबित किया कि शिक्षा और धर्म के प्रति समर्पण किसी भी समुदाय की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अदनान अहमद का यह सफर न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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