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राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ ने आदिवासी कल्याण मंत्री से की मुलाकात, सौंपा ज्ञापन

कहा जाति आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने में आ रही बाधाओं को लेकर लोगों में है नाराज़गी

खतियान न दिखाने पर आवेदन को अधिकारी कर देते हैं खारिज, आदिवासी युवाओं का भविष्य प्रभावित

हजारीबाग- आज राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ के  नेता विक्की कुमार धान शुक्रवार को आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा से मिला और हजारीबाग जिले में आदिवासियों को जाति आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने में हो रही परेशानियों को लेकर ज्ञापन सौंपा। संघ के केंद्रीय महासचिव विक्की कुमार धान ने मंत्री को बताया कि हजारीबाग जिले में आदिवासी समुदाय के लोग 2-3 पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं और उनके पास जमीन से संबंधित वैध दस्तावेज जैसे वन पट्टा, भूमि दान के प्रमाणपत्र, अमीन फर्द रिपोर्ट और पर्चा उपलब्ध हैं। इसके बावजूद उनका जाति आवासीय प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है।उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में इस समस्या को लेकर उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की आयुक्त सुमन कैथरिन किस्पोट्टा से मुलाकात की गई थी और इसकी प्रतिलिपि राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी भेजी गई थी। हालांकि, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे जाति आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ओरिजनल खतियान की मांग करते हैं। खतियान न दिखाने पर आवेदन खारिज कर दिया जाता है। इस कारण आदिवासी युवाओं का भविष्य प्रभावित हो रहा है और वे अबुआ आवास जैसी योजनाओं का लाभ उठाने में भी असमर्थ हैं। जबकि मंत्री चमरा लिंडा ने इस मामले को गंभीरता से लेने और संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का आश्वासन दिया।

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