Ranchi: झारखंड विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले झारखंड प्रदेश कांग्रेस को विधायक दल का नेता मिल जाएगा। विधायक दल की बैठक पहले ही हो चुकी है और इस पद के लिए केंद्रीय नेतृत्व को अधिकृत कर दिया गया है।
माना जा रहा है कि रविवार की रात अथवा सोमवार की सुबह तक विधायक दल के नेता का चयन कर लिया जाएगा। विधानसभा सत्र के पहले सीएम आवास में सत्ताधारी विधायकों की बैठक बुलाई गई है। वहीं दूसरी ओर भाजपा भी सत्र की रणनीति बनाने में जुट गई है।
3 विधायकों के नाम पर चर्चा
कांग्रेस के विधायक दल के नेता के लिए प्रमुख तौर पर तीन लोगों के नाम चल रहे हैं, जिसमें प्रदीप यादव, डॉ. रामेश्वर उरांव और नमन विक्सल कोंगाड़ी के नाम शामिल हैं। प्रदीप यादव का लंबा अनुभव देखते हुए उन्हें विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में कोंगाड़ी को विधायक दल का उप नेता बनाने की भी चर्चा है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार इस पद के लिए प्रबल दावेदार पूर्व वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव भी हैं। उरांव को अभी कैबिनेट से मुक्त कर दिया गया है और इस कारण से उनकी नाराजगी भी संभव है। यही कारण है कि उन्हें विधायक दल का नेता बनाकर भरपाई की जा सकती है। जो भी हो, सोमवार तक परिणाम आने की पूरी संभावना है।
सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों की बैठक
विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों की बैठक होगी। सोमवार को विधानसभा सत्र की शुरुआत है और इसके ठीक पहले रविवार को सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई है। पार्टी के सभी विधायक गण को सूचित किया गया है कि 08 दिसंबर को दोपहर 03 बजे रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में इंडिया गठबंधन के विधायक गणों की बैठक आहूत की गई है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने इसकी सूचना सभी विधायकों को भेजी है। भेजे गए संदेश के अनुसार बैठक ठीक 3 बजे शुरू होगी। विधायकों को भेजे गए निर्देश के अनुसार सभी को निश्चित रूप से रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर दोपहर 3 बजे तक पहुंचना है।
BJP ने बुलाई विधायक दल की बैठक
9 से 12 दिसंबर तक आयोजित झारखंड विधानसभा सत्र से पहले भारतीय जनता पार्टी ने भी रविवार की शाम अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है। हालांकि, विधानसभा में बीजेपी बिना नेता के ही जाएगी। केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से अभी तक पर्यवेक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसका अर्थ है कि भाजपा सदन में फिलहाल बिना नेता के ही जाएगी।
विधानसभा का सत्र 9 दिसंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित है। इसमें नए सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ दूसरी वैधानिक प्रक्रिया निपटाई जाएगी। नेता विधायक दल के चयन के लिए केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश की प्रतीक्षा की जा रही है।
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