• एक गरीब परिवार जीवन यापन के लिए खोला था झोपड़ी की दुकान,फॉरेस्ट विभाग की कर्मीयों ने उजड़ा
• रेलवे विभाग तथा कोल कंपनियां कितने जंगलों को किया है बर्बाद जिस पर फॉरेस्ट विभाग रहे हैं मौन!
• कहावत जो सटीक है: गरीबों पर ज़ुल्म कोल कंपनियां,रेलवे विभाग पर मेहरबान
चतरा (टंडवा): टंडवा प्रखंड क्षेत्र में फॉरेस्ट विभाग की भूमि पर कोल कंपनियां,रेलवे विभाग कुछ एनओसी लेकर जंगलों को बर्बाद किया तो कुछ बिना एनओसी लिए हुए जंगलों को नष्ट किया जा रहा है जिस पर टंडवा फॉरेस्ट विभाग द्वारा चुप्पी साधना तथा कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर कार्रवाई करने का मामला अब सामने आने लगा है। बताया जाता है कि फॉरेस्ट विभाग के एक कर्मी को ग़रीब द्वारा चढ़ावा नहीं चढ़ाने पर गरीब असहाय द्वारा जीवन यापन के लिए छोटी सी झोपड़ी बनाकर चाय-नीमकी का होटल चलाना चाहा जो फॉरेस्ट विभाग के कुछ कर्मियों को अच्छा नहीं लगा और उजाड़ डाला।
बताते चलें कि विभागों की नजरों में कई ऐसे जंगलों में पक्के मकान,कारकेट की मकान, झोपड़ी बनाकर होटल की संचालित, जंगलों को उजाड़ कर सिविल की कार्य की जा रही है, यहां तक की फॉरेस्ट की भूमि पर कंटेनर बैठाकर अवैध रूप से कार्य भी किया जा रहा है जिस पर फॉरेस्ट विभाग के कर्मियों की कोई नजर नहीं है,सिर्फ़ गरीबों पर हीं जुल्म व कारवाई की जाती है। फॉरेस्ट विभाग के द्वारा खाना पूर्ति कार्रवाई के ऊपर भी अब सवाल उठना लाजमी बन गया है। जब इन संबंध में जानकारी लेने के लिए फॉरेस्ट विभाग तथा एक कर्मी को फोन किया तो फोन उठाना मुनासिब नहीं समझे।
0 Comments