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मुख्यमंत्री सोरेन ने मांगा केंद्र सरकार से 1 लाख 36 हज़ार करोड़ बकाया राशि, बताया पैसा मिला तो महिलाओं को प्रतिमाह 2000 रुपये देंगे


Ranchi : बकाया राशि को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। चिट्ठी में मुख्यमंत्री ने बकाया 1 लाख 36 हज़ार करोड़ रुपये की मांग की है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र की प्रतियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की है। हालांकि इससे पहले भी वो अपने एक संबोधन में कह चुके थे कि अगल केंद्र ने उन्हें 1.36 लाख करोड़ बकाया दे दिया, तो वो महिलाओं को प्रतिमाह 2000 रुपये देना शुरू कर देंगे। अपने पत्र में हेमंत सोरेन ने लिखा है कि हमारी मांग सिर्फ न्याय की है, विशेषाधिकार की नहीं, झारखंड के लोगों ने अपने राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया है और अब हम चाहते हैं कि हमारे संसाधनों एवं अधिकारों का उचित उपयोग हो।

मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि झारखंडियों का हक मांगो तो ये जेल डाल देते हैं, पर अपने हक के लिए हर कुर्बानी मंजूर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भाजपा के सहयोगी राज्यों की तरह स्पेशल स्टेटस नहीं माँग रहे, नाहीं हम कुछ राज्यों की तरह केंद्रीय बजट का बड़ा हिस्सा माँग रहे हैं - हमें बस हमारा हक़ दे दीजिए, यही माँग है। हमारी माँग सिर्फ न्याय की है, विशेषाधिकार की नहीं। झारखंड के लोगों ने अपने राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया है, और अब हम चाहते हैं कि हमारे संसाधनों एवं अधिकारों का उचित उपयोग हो।

हम अपने बकाये के 1 लाख 36 हज़ार करोड़ से झारखंड को विकास के नए पथ पर ले जाएँगे - ऐसा विकास जो हमारे पर्यावरण, आदिवासी/मूलवासी एवं हर एक झारखंडी समुदायों के हितों की रक्षा करे। हम शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करेंगे, ताकि हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके। हम अपनी भाषा और संस्कृति का और बेहतर संरक्षण करेंगे, ताकि हमारी पहचान बनी रहे साथ ही हम हमारे युवाओं को रोजगार के नए आयाम उपलब्ध करायेंगे - और उसके आभाव में उन्हें उचित भत्ता देंगे।

हमारे हक पर, हमारे पैसों पर केंद्र सरकार जल्द फैसला ले एवं झारखंड के विकास में बाधा न बने, बल्कि सहयोगी बने। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे, चाहे इसके लिए कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े। झारखंड की धरती पर जन्मे हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह अपने राज्य के हितों की रक्षा करे और हम एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएँगे, लड़ेंगे और अपना हक अपने पुरखों की तरह ले कर रहेंगे।


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