नई दिल्ली : केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल आज लोकसभा में पेश होने जा रहा है। इसे लेकर लोकसभा के बिजनेस अडवाइजरी कमिटि में चर्चा हुई। जब से इस बिल के संसद में आने की बात और बिल के मसौदा सामने आया है, मुस्लिम समाज से लेकर मुस्लिम नेताओं और विपक्ष में इसे लेकर खासा रोष दिखाई दे रहा है। इसकी वजह मानी जा रही है कि संशोधित बिल के जरिए सरकार वक्फ बोर्ड की ताकत व हैसियत कम करने जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस बिल के जरिए सरकार देश के वक्फ बोर्ड्स की पूरी प्रक्रिया जवाबदेह व पारदर्शी बनाना चाहती है। हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने इस बिल के मद्देनजर कहा है कि वह मौजूदा वक्फ कानून में किसी तरह का कोई बदलाव मंजूर नहीं करेगा।
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वक्फ बोर्ड अधिनियम को लेकर देश भर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। संसद में इस मामले पर पक्ष और विपक्ष आमने सामने आ गया था ,इस दौरान संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। अब सोमवार यानी 5 अगस्त को मोदी सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को पेश करने वाली है। जिसके तहत सरकार बोर्ड के अधिकारों में कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। दूसरे शब्दों में कहें तो सरकार बोर्ड के शक्तियों पर नियंत्रण लगाने की तैयारी में हैं। ऐसे में ये कयास लगाए जा रहें हैं कि आज इन अधिनियमों में संशोधन को लेकर मोदी सरकार संसद में बिल पेश कर सकती है।
Waqf के ताकतों पर लगेगा लगाम
दरअसल, बीते शुक्रवार को ही कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में 40 संशोधनों पर अपनी मुहर लगा दी है। वक्फ को लेकर ये कानून पहली बार वर्ष 1954 में संसद में लाया गया था। हालांकि, बाद में इसे वापस भी ले लिया गया था और फिर वर्ष 1995 में एक नया वक्फ एक्ट लागू किया गया। जिसके तहत वक्फ बोर्ड्स की ताकतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी। मगर अब मोदी सरकार इसकी असीमित शक्तियों पर लगाम लगाते हुए इसमें कई तरह के बदलाव करने वाली है।
महिलाओं को किया जाएगा शामिल
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इसमें बदलाव करते हुए केंद्र सरकार के तरफ से अब महिलाओं को भी हर इकाई का सदस्य बनाना शामिल किया जा सकता है। वहीं, कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं, यह जानने के लिए प्रस्तावित संशोधनों में न्यायिक जांच को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही उस संपत्ति के मूल्यांकन के लिए जिला कलेक्टरों के पास रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी किया जा सकता है। इसके अलावा अब वक्फ की संपत्ति से होने वाली सारी कमाई सिर्फ दान में खर्च की जाएगी।
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संशोधन से इनको होगा फायदा
खबर है कि सरकार इस कानून को अब नया नाम देने की तैयारी में भी है, जिसका अर्थ ‘उम्मीद’ से मिलता जुलता हो सकता है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इससे ‘गरीब, बच्चों और महिलाओं को फायदा मिलेगा। कुल मिलकर इन तमाम संसोधनों के साथ सरकार आज इससे जुड़ा बिल संसद में पेश करने वाली है।
5 अगस्त का दिन है बेहद खास
आज इस बिल के पेश होने के कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं, क्योंकि 5 अगस्त ही तारीख है जब मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। फिर चाहें वो राम मंदिर का फैसला हो जो 2020 में 5 अगस्त को लिया गया था। या फिर 2019 में 5 अगस्त को धारा 370 हटाने का फैसला हो। मोदी सरकार ने अपने ज्यादातर ऐतिहासिक फैसले इसी दिन लिए हैं।
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