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साहिबगंज जिले में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर प्रशासन सख्त, घुसपैठियों की सूचना देने को Helpline नंबर होगा जारी

 


साहिबगंज। जिले में बांग्लादेशी घुसपैठ की शिकायतों को लेकर जिला प्रशासन सख्त है। मतदाता सूची के माध्यम से इन दिनों घुसपैठियों की खोज का काम जोर शोर से चल रहा है।

हालांकि, अब तक एक भी घुसपैठिया चिह्नित नहीं किया जा सका है। इसी क्रम में अब जिला प्रशासन घुसपैठियों की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्णय लिया है। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति घुसपैठियों के बारे में सूचना दे सकता है।

शिकायत करने वाले की पहचान गुप्त रहेगी। शिकायतों की जिला प्रशासन अपने स्तर से जांच कराएगा। अगर शिकायत सही निकली तो घुसपैठिए पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हाईकोर्ट ने घुसपैठियों को चिह्नित करने का दिया था निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट ने दानियल दानिश द्वारा 2022 में दर्ज एक याचिका की सुनवाई करते हुए तीन जुलाई 2024 को संताल परगना के सभी उपायुक्तों को घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई करने को कहा।

इस बीच भाजपा ने भी जिले के कुछ मतदान केंद्रों की मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि की शिकायत चुनाव आयोग से की।

ऐसे में 26 जुलाई को उपायुक्त की अध्यक्षता में जिले के वरीय पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित बरहेट, राजमहल, उधवा व बरहड़वा प्रखंड के 10-10 गांवों के 30-30 घरों की रैंडम जांच का निर्णय लिया गया। इसके लिए कमेटी का भी गठन कर दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया आड़े

इसी बीच यह बात सामने आयी कि एक मामले की सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार बिना किसी शिकायत के रैंडम किसी के घर जाकर उसकी जांच नहीं कर सकती। इसके बाद जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर घुसपैठियों की जांच का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया।

दो अगस्त को पुन: उपायुक्त ने जिले के तीनों निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को पत्र भेजकर भाजपा के शिकायत पत्र की कापी संलग्न करते हुए पिछले विधानसभा चुनाव व इस बार के लोकसभा चुनाव के बीच जिन बूथों पर मतदाताओं की संख्या में 350 से अधिक बढ़ी है।

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