मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने सिर्फ अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान किया। मुख्यमंत्री रहने के दौरान खुद को हेमंत सोरन पार्ट-टू कहने वाले चंपई सोरेन जब भी किसी भाषण को संबोधित करते थे तो उसमें कई बार हेमंत सोरेन के नाम का उल्लेख होता था। वहीं, भाजपा पर भी राज्य के साथ भेदभाव और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग समेत कई आरोप लगाकर वह कोसते थे, लेकिन इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर सरायकेला में झंडा फहराने के बाद दिया गया चंपई सोरेन का भाषण कुछ अलग रहा। इस बार अपने भाषण में उन्होंने न तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लिया और ना ही भाजपा की बुराई की। इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
भाजपा में शामिल होने की तिथि भी तय, घाटशिला पर भी नजर
क्षेत्र में चर्चा के मुताबिक, 26 अगस्त को चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हो सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं घाटशिला सीट से उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को भाजपा से टिकट दिलाने की भी चर्चा चल रही है। मालूम हो कि भाजपा के बड़े नेताओं ने भी अपने कार्यक्रमों में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी से बेदखल करने की आलोचना करते आ रहे हैं। साथ ही उनके कार्यकाल की भी सराहना कर रहे हैं।
चौक-चौराहों पर चर्चा
कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन से मुख्यमंत्री की कुर्सी लेने के बाद चुप्पी साध ली थी। कहा जा रहा है कि अब यह चुप्पी जवाब देने लगी है। इस कारण झारखंड में बड़ी राजनीतिक उलटफेर की संभावना व्यक्त की जा रही है। मंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में जाने की चर्चा पूरे सरायकेला-खरसावां जिले के साथ-साथ पड़ोसी जिलों में उनके समर्थकों के बीच प्रारंभ होने लगी है। चौक-चौराहों पर भी इसकी चर्चा है। चंपई समर्थक भी इस बात से नाराज हैं कि दो-तीन माह के लिए अगर चंपई सोरेन मुख्यमंत्री रहते को क्या अनर्थ हो जाता। ऐसी क्या ज्ल्दबाजी थी कि हेमंत सोरेन ने जेल से बाहर निकलते ही चंपई सोरेन को मुख्मंत्री पद से हटा दिया और खुद कुर्सी पर बैठ गए।
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