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इटखोरी प्रखंड के कोनी गांव की समस्याएं बनी झारखंड के लिए सबसे बड़ी चुनौती

Chatra (इटखोरी): इटखोरी प्रखंड स्थित कोनी गांव की समस्याएं राज्य के सबसे गंभीर मुद्दों में शुमार हो गई हैं। गांव के निवासी दिलीप कुमार चंद्रवंशी ने इन समस्याओं को लेकर झारखंड विधानसभा तक अपनी आवाज पहुंचाई है। उन्होंने बरही विधायक उमाशंकर अकेला, सिमरिया विधायक किशुन दास, और मंत्री सह चतरा विधायक श्री सत्यानंद भोक्ता से मुलाकात कर गांव की दशा सुधारने की अपील की है. गांव की समस्याएं

कोनी गांव को गैर मजरुआ भूमि माफिया यसवंत नारायण सिंह के कथित कब्जे और जमींदारी शोषण ने वर्षों से विकास से दूर रखा है। गांव के लोगों का आरोप है कि यसवंत नारायण सिंह ने गांव की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है और लोगों पर जुल्म और शोषण के चलते गांव विकास के मामले में पिछड़ गया है। यह गांव प्राकृतिक धरोहरों से भरा पड़ा है, जहां जमीन के गर्भ से साफ पीने का पानी निकलता है और प्राचीन काल की कई प्रतिमाएं मिली हैं।

कोनी गांव की भूगोलिक विशेषताएं

गांव का भूगोलिक परिदृश्य बेहद आकर्षक है। यहां का खेल मैदान पूरे जिले में अनूठा है। बावजूद इसके, कोनी हाई स्कूल की स्थिति बेहद खराब है। स्कूल मात्र 15 डिसमिल जमीन में संचालित होता है, जिसमें सात कमरे हैं और यहां कक्षा 10 तक पढ़ाई होती है। इस स्थिति को लेकर दिलीप चंद्रवंशी ने चिंता व्यक्त की है और इसे शिक्षा के साथ अन्याय करार दिया है।

ये है मांगे 

दिलीप चंद्रवंशी ने कोनी गांव को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग रखी है। उन्होंने सुझाव दिया है कि गांव में प्राचीन प्रतिमाओं की खुदाई कर उन्हें संरक्षित किया जाए और मंदिरों का निर्माण किया जाए। भूगर्भीय जल कुंड का सुंदरीकरण और कोनी से भद्रकाली मंदिर तक दो लेन की सड़क बनाने की भी मांग की गई है। इसके अलावा, उन्होंने 14 जनवरी को कोनी से भद्रकाली तक सूरजकुंड मेले का आयोजन करने का भी प्रस्ताव रखा है।

विधायकों और सरकारी अधिकारियों से अपील

दिलीप चंद्रवंशी ने झारखंड विधानसभा के चार विधायकों, उमाशंकर अकेला, सत्यानंद भोक्ता, विनोद सिंह, और अंबा प्रसाद से मुलाकात कर कोनी गांव की समस्याओं को विधानसभा में उठाने की अपील की है। उन्होंने भूमि से संबंधित कागजात, गैर मजरूआ जमीन का नक्शा और प्राकृतिक स्थलों के फोटोग्राफ्स मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन कार्यालय में भी सौंपे हैं।

आगे की राह

कोनी गांव के विकास के लिए यह जरूरी है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द इस मामले में ठोस कदम उठाए। स्थानीय नेताओं और जनता का मानना है कि अगर कोनी गांव की समस्याओं को सही ढंग से संबोधित किया गया, तो यह न केवल गांव के विकास में मील का पत्थर सावित होगा, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण बन सकता है।

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