रांची : सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति एवं जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ दलित-आदिवासी संगठनों ने आज 14 घंटे के लिए भारत बंद का आह्वान किया है। कई राजनीतिक दल भी इसमें शामिल हो गए हैं।
झारखंड में हेमंत सरकार में शामिल झामुमो, कांग्रेस, राजद और सीपीआई बंद को समर्थन दे रहे हैं। वहीं आजसू ने भी नैतिक समर्थन की घोषणा की है। भारत बंद के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज पलामू में आयोजित मंईयां सम्मान योजना समारोह में नहीं जाएंगे। वहीं आज स्कूल-कॉलेजों ने भी बंद रखने का फैसला लिया है।
झंडा-बैनर के साथ सड़कों पर रहेंगे जेएमएम कार्यकर्ता
सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं ने कहा है कि कार्यकर्ता सड़कों पर झंडा-बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे। झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि भारत बंद कार्यक्रम को समर्थन देने का फैसला पार्टी ने लिया है। सभी पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों और सचिवों को निर्देश दिया गया है कि वे भारत बंद में शामिल होकर योगदान दें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सभी जिलाध्यक्षों व प्रकोष्ठों को कहा है कि बंद में सक्रिय भूमिका निभाएं। प्रदेश राजद महासचिव कैलाश यादव ने कहा है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के तत्काल बाद ही विरोध की घोषणा कर दी थी।
विशेष शाखा का अलर्ट जारी
इधर, रांची जिला प्रशासन ने कहा कि बंद की लिखित सूचना नहीं है, लेकिन पुख्ता तैयारी कर ली गई है। सभी डीएसपी के साथ एक-एक क्यूआरटी को तैनात किया गया है। दो क्यूआरटी को रिजर्व में रखा गया है। इधर, विशेष शाखा ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि मॉल, बाजार, बस, ट्रेन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बलपूर्वक बंद कराया जा सकता है। इसलिए विशेष सतर्कता की जरूरत है।
लोगों से अपील, अपना एक दिन हमें दें
भीम सेना प्रमुख की ओर से एक पंपलेट जारी किया गया है। जिसमें लोगों से अपना एक दिन देने की अपील की गई है। जारी पंपलेट में 11 पॉइंट के माध्यम से बताया गया है कि क्या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा। मेडिकल सेवाओं, पुलिस और फायर सेवाओं को छोड़कर सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक सब कुछ
बंद रहेगा। भीम सेना की ओर से यह अपील की गई है कि आम जनता से घरों से बाहर न निकले। मॉल, दुकान, कार्यालय, बैंक, एटीएम, मंडी, मार्केट, बाजार, फैक्ट्री, कंपनी, वर्कशॉप, पर्यटन स्थल आदि सब बंद रहेंगे। एक दिन पूर्ण चक्का जाम करने की अपील की गई है।
इस वजह से भारत रहेगा बंद
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाया है। जिसमें अदालत ने कहा है कि सभी एससी-एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। जो पिछड़ी हैं उनके लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है। पर इसमें भी राज्य सरकार को दो शर्तों का ध्यान रखना होगा। पहला एससी के भीतर किसी एक जाति को सौ फीसदी कोटा नहीं दे सकती और दूसरा कोटा तय करने से पहले उनकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए।
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