रांचीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका खारिज कर दी। ईडी ने हाईकोर्ट की ओर से हेमंत सोरेन को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत देते समय सही और तर्कसंगत फैसला सुनाया था।
परिवार पर कई आरोप लगा कीमती समय बर्बाद किया गया
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाकर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। उन्होंने कहा -‘मैं राज्य की संपत्ति लेकर घूम रहा हूं या फरार हो गया हूं, इसके लिए मुझे जेल के सलाखों के पीछे भी डाल दिया गया।’ उन्होंने कहा कि उनके परिवार पर कई तरह के आरोप लगाए गए और उनका कीमती समय बर्बाद किया गया।
न्यायालय लोकतंत्र का ऐसा स्तंभ,जहां अंधकार नहीं
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आज बहुत से लोग अपनी समस्याओं को लेकर उनसे मिलने आए थे। अगर उनका कीमती समय बर्बाद नहीं किया गया होता तो शायद आज उन तमाम समस्याओं का समाधान हो गया होता। उन्होंने कहा कि न्यायालय लोकतंत्र का एक ऐसा स्तंभ है जहां अंधकार नहीं है। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो न्यायालय का समय बर्बाद करने में लगे रहते हैं। ये लोग समाज में काम करने वाले लोगों, चाहे वो राजनीतिक हों या सामाजिक, को परेशान करते हैं। ये लोग गरीबों, आदिवासियों और दलितों की आवाज उठाने वालों को डराने और दबाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले ने उनकी बातों को सच साबित कर दिया है।
कल्पना बोलीं-पांच महीने बबार्द हुए,उसकी भरपाई कौन करेगा
हेमंत सोरेन की पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि सच की जीत हुई है। उन्होंने सवाल किया कि हेमंत सोरेन के जो पांच महीने बर्बाद हुए हैं, उसकी भरपाई कौन करेगा।
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