चौपारण: चौपारण प्रखंड के सीमावर्ती भगहर पंचायत उग्रवाद प्रभावित इलाका है, इसकी सीमा बिहार को छूती हैं, यह क्षेत्र इतना संवेदनशील हैं कि पूर्व में चुनाव के समय यहां हेलीकॉप्टर से मतदान कर्मियो को भेजा गया था, यही नही यहां के पूर्व मुखिया की नक्सलियों ने कान काट कर निर्मम हत्या कर दी थी। शराब निर्माण के तस्करों का यह सबसे सुरक्षित पनाहगाह हैं, स्थानीय विधायक, थाना प्रभारी खुद यहां खड़े हो कर शराब की भट्टियो को नष्ट करवा चुके हैं पर अगले ही दिन शराब निर्माण शुरू हो जाता हैं। यहां कि लकड़ियां का अवैध कटाई आधी रात में भवन निर्माण, (सेंट्रिंग) पटरा के लिए किया जाता हैं।
कुछ माह पूर्व यहां अवैध पोस्ते की फसल नष्ट करने गए वन कर्मियों पर तस्करों ने हरवे–हथियार से हमला कर उनके वाहनों को आग के हवाले कर दिया था, जिसमे दर्जन भर वन कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, इस मामले में चौपारण थाना द्वारा कई गिरफ्तारी की गई थी। बालू के अवैध कारोबार के लिए तो यह पूरे क्षेत्र में मशहूर हैं, महिने में कई अवैध बालू लदा गाड़ियां थाने में खड़ी पाई जाती हैं....होता है NGT का खुला उल्लंघन।
तस्करों का हौसला इतना अधिक हो गया है कि वे बीच रास्ते में वन कर्मियों से जबरन वाहन छिनने में नहीं हिचकते। अफीम तस्करी के लिए तो तस्करों ने वन की एक बड़ी हिस्से को ही काट कर साफ कर दिया हैं
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