नेग्लेरिया फाउलेरी का संक्रमण उस समय होता है,जब संक्रमित पानी आपकी नाक के जरिए शरीर में चला जाता है.इससे यह अमीबा दिमाग तक पहुंच जाता है.यह तब होता है जब आप संक्रमित पानी में तैर रहे होते हैं या नहा रहे होते हैं.वहीं संक्रमित धूल अगर सांस के जरिए अंदर चली जाए तो भी इसका संक्रमण हो सकता है.
नई दिल्ली: केरल के कोझिकोड में ब्रेन ईटिंग अमीबा (नेग्लरिया फाउलेरी-Naegleria fowleri) से हुए इंफेक्शन की वजह से 14 साल के एक लड़के की मौत हो गई.केरल में इस साल यह इस तरह की तीसरी मौत है.इस संक्रमण को अमेबिक इंसेफलाटिस (Amebic Encephalitis) के नाम से जाना जाता है. दिमाग में होने वाला यह दुर्लभ लेकिन खतरनाक किस्म का संक्रमण है.यह इतना रेयर है कि इसका एक भी केस पूरी दुनिया में खबर बन जाता है. इस संक्रमण को फैलाने वाला अमीबा नेग्लरिया फाउलेरी कोशिका वाला जीव है. यह तालाब, नदियों और झीलों में पाया जाता है. पानी के अलावा यह मिट्टी में भी पाया जाता है.
केरल में अमेबिक इंसेफलाटिस के कितने मामले आए हैं
खबरों के मुताबिक केरल में जिस बच्चे की मौत बुधवार को इस संक्रमण से हुई है. वह एक छोटे तालाब में नहाने गया था. इसके बाद ही उसे यह संक्रमण हुआ. केरल के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बच्चे का एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था. वहां उसकी बुधवार देर रात मौत हो गई.
इस साल मई 2024 के बाद से केरल में संक्रमण का यह तीसरा मामला है. राज्य में इसके संक्रमण का पहला मामला 21 मई को मलप्पुरम की पांच साल की एक लड़की में सामने आया था. उसकी भी मौत हो गई थी. दूसरा मामला 25 जून को कन्नूर जिले में सामने आया.वहां 13 साल की लड़की की मौत इस संक्रमण से हो गई थी.साल 2023 और 2017 में इसका संक्रमण अलपुझा जिले में भी पाया गया था.
0 Comments