चतरा : झारखंड केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट को लेकर पंचायती राज्य प्रकोष्ठ चतरा कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष प्रेम रंजन पासवान ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट आम जनता की जरूरतों को अनदेखा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोगियों और समर्थक दलों को खुश करने के लिए तैयार किया गया है। प्रेम रंजन पासवान का कहना है कि यह बजट पिछले बजट की तरह ही वादों और घोषणाओं तक सीमित रह जाएगा, जो अंततः "ढाक के तीन पात" साबित होगा।
बजट पर प्रतिक्रिया और आलोचना
प्रेम रंजन पासवान ने अपने बयान में कहा कि सरकार द्वारा पेश किया गया बजट आम आदमी की आकांक्षाओं और जरूरतों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, "यह बजट केवल उद्योगपतियों और बड़े व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया है, जबकि आम जनता को इससे कोई वास्तविक राहत नहीं मिलने वाली।"प्रेम रंजन पासवान ने जोर देकर कहा कि इस बजट में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कोई ठोस योजना नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
रोजगार और कृषि पर चिंता
प्रेम रंजन पासवान ने इस बजट में रोजगार और कृषि के क्षेत्र में सरकार की नीतियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, *"देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है, लेकिन बजट में इसके समाधान के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया है।"* उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया गया है और कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है।
शिक्षा और स्वास्थ्य की उपेक्षा
कांग्रेस नेता ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की उपेक्षा पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, *"शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सरकार का बजट अत्यंत कम है। इससे साफ पता चलता है कि सरकार इन बुनियादी जरूरतों पर ध्यान देने के बजाय अपने हितों की पूर्ति में लगी है।"
विपक्ष की मांगें
प्रेम रंजन पासवान ने मांग की कि सरकार को आम जनता की भलाई के लिए अपने बजट में संशोधन करना चाहिए और उन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए जो सीधे तौर पर लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा, *"हमें ऐसे बजट की आवश्यकता है जो गरीबों के जीवन स्तर को उठाए, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करे और रोजगार के अवसर प्रदान करे।"*
भविष्य की चुनौतियाँ
पंचायती राज्य प्रकोष्ठ जिला चतरा अध्यक्ष कांग्रेस ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी नीतियों में बदलाव नहीं किया गया, तो जनता इसका जवाब आगामी चुनावों में देगी। उन्होंने कहा, "जनता अब जागरूक हो चुकी है और वह ऐसे दिखावटी वादों को बर्दाश्त नहीं करेगी।"
निष्कर्ष प्रेम रंजन पासवान के इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि विपक्ष इस बजट को लेकर कितनी गंभीर है और किस तरह से वह सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहा है। अब देखना यह होगा कि सरकार इन आलोचनाओं का किस तरह जवाब देती है और किस प्रकार से आम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरती है। विपक्ष के इस विरोध से यह साफ है कि आने वाले समय में सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
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