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नए भारतीय कानून को लेकर एसडीपीओ व इंस्पेक्टर ने किया प्रेस वार्ता



  • अब दंड नहीं पीड़ित को मिलेंगे न्याय, आज से लागू हुए तीन नए कानून  : एसडीपीओ
  • जीरो एफआईआर के माध्यम से दर्ज किए जायेंगे दूसरे क्षेत्र के मामले : इंस्पेक्टर


बरही । 1 जुलाई से सम्पूर्ण भारत में भारतीय दंड सहित समाप्त कर भारतीय न्याय संहिता लागू हो गया है. इसके तहत 1860 की आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को समाप्त कर 2023 की भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू कर दिया गया है. उक्त जानकारी प्रेस वार्ता आयोजित कर एसडीपीओ सह एएसपी सूरजीत कुमार व इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार ने पत्रकारों को दिया. प्रेस वार्ता में महिला थाना प्रभारी पूनम कच्छप व सब इंस्पेक्टर शिवम गुप्ता भी मौजूद थे. नए कानून की  जानकारी देते हुए एसडीपीओ ने बताया कि नए कानून ने भारी भरकम बदलाव किए गए है. 

कई धाराएं हटाई गई तो कई नई धाराएं लाई गई है. उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन के राजद्रोह कानून को समाप्त कर देशद्रोह कानून लागू किया गया है. इस नए कानून में मॉब लिंचिंग के लिए भी दंड की व्यवस्था की गई है. बच्चो और महिलाओ को और अधिक सुरक्षा प्रदान किए गए है. अब कोई भी व्यक्ति महिलाओ को झांसे में रखकर शोषण या अत्याचार नहीं कर सकता है. उन्होंने बताया कि धारा 302 हत्या को 103(1), ठगी व धोखाधड़ी 420 को 118(4), चोरी के लिए लगने वाले 379 को 303(2) और दुष्कर्म के 376 आईपीसी को अब 76 बीएनएस के नाम से जाना जाएगा. इसके साथ ही इलेक्ट्रोनिक माध्यमों पर जोर दिए गए हैं. 

थाना दिवस का होगा आयोजन, जमीनी विवाद से बचें

बरसात को देखते हुए एसडीपीओ ने लोगो से अपील किया कि नए कानून लागू हो चुके है ऐसे में जमीन संबंधित विवाद से बचे. किसी भीं प्रकार का विवाद हो तो वह संबंधित अधिकारी सीओ, एलआरडीसी या थाना प्रभारी से संपर्क करे. आपसी मार पीट न करें. उन्होंने बताया कि शीघ्र ही थाना की ओर से थाना दिवस को पुनः चालू किया जायेगा. इसके तहत सप्ताह में एक दिन सीओ की उपस्थिति में जमीन संबंधित विवादो को निपटाने का काम किया जायेगा. इंस्पेक्टर ने भी तीन नए कानून की जानकारी दिया. उन्होंने बताया कि अब किसी भी थाना से किसी भी क्षेत्र का मामला दर्ज किया जा सकता है. जिसे जीरो एफआईआर के तहत सेक्शन लगाते हुए मामले दर्ज कर आवश्यकतानुसार धारा लगाते हुए संबंधित थाना क्षेत्र को भेजे जाने का प्रावधान शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि छोटे मोटे असंगेय मामलो के लिए सामुदायिक दंड का प्रावधान किया गया है. उन्होंने लोगो से आपसी सुलह से विवादो को  दूर कर कानूनी पेंच से बचने की सलाह दी.

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