- सील होने के बावजूद महावीर प्रजापति नामक मौत का माफिया फर्जी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक संचालित कर कानून को पेश कर रहा खुली चुनौती..!
- खुद व अपने करीबी रिश्तेदार को रेडियोलॉजिस्ट बताकर गर्भ में पल रहे बच्चों का करता है लिंग परीक्षण
- प्रतिदिन पचास से अधिक गर्भवती महिलाओं का करता है गैरकानूनी अल्ट्रासाउंड
- जानकारी के बावजूद सिविल सर्जन नहीं कर रहे कार्रवाई, कार्यशैली पर उठ रहे गंभीर सवाल..?
चतरा से अखिलेश पांडेय की रिपोर्ट
चतरा : एक ओर जहां सरकार के निर्देश पर जिले के उपायुक्त रमेश घोलप जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करते हुए फर्जी तरीके से संचालित नर्सिंग होम, गैर निबंधित क्लीनिक और झोलाछाप पर कार्रवाई को लेकर लगातार दावे कर रहे हैं, इस बाबत सिविल सर्जन समेत स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों को सख्त तौर पर लगातार निर्देशित भी कर रहे हैं। बावजूद डीसी के सख्त रवैये का स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह सिस्टम और उसके अधिकारियों पर कोई ठोस असर नहीं दिख रहा है।
इसी का नतीजा है कि जिला मुख्यालय में प्रशासन और वरीय अधिकारियों के नाक के नीचे धड़ल्ले से फर्जी नर्सिंग होम और अल्ट्रासाउंड क्लीनिक का खुलेआम संचालन कर गलत इलाज के माध्यम से लोगों को अकाल मौत की नींद सुलाई जा रही है। आरोप है कि सिविल सर्जन डॉक्टर जगदीश प्रसाद व अन्य वरीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मिलीभगत से ही झोलाछाप के द्वारा अवैध नर्सिंग होम का संचालन शहर के रिहायसी ईलाकों में किया जा रहा है.
आश्चर्य की बात तो यह है कि उपायुक्त कार्यालय और आवास समेत जिले के वरीय अधिकारियों के कार्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित शहर के बाईपास रोड ईलाके में करीब आधा दर्जन ऐसे नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। जहां झोलाछाप के द्वारा विभिन्न राज्यों में कार्यरत सर्जन के नाम का फर्जी बोर्ड लगाकर धड़ल्ले से गैरकानूनी प्रसव और भ्रूण हत्या जैसी जघन्य अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। इन नर्सिंग होम और क्लिनिको में वैसे बाहरी चिकित्सकों के नाम का बोर्ड लगा है जिनका झारखंड सरकार में निबंध तक नहीं है। उनके नाम के बोर्ड के आड़ मे झोलाछाप के द्वारा धड़ल्ले से सिजेरियन व गर्भपात जैसे बड़े ऑपरेशन व अन्य कृत्यों को अंजाम देकर लोगों की जान से न सिर्फ खिलवाड़ किया जा रहा है। बल्कि दुनिया मे आने से पहले गर्भ में पल रहे बच्चों को भी जघन्यता से मौत की नींद सुला दी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में सील अल्ट्रासाउंड क्लिनिक का धड़ल्ले से हो रहा संचालन
चतरा शहर के रिहायशी इलाके में स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में धड़ल्ले से लिंग परीक्षण का गोरखधंधा संचालित हो रहा है। ऐसा नहीं है की स्वास्थ्य विभाग को इस गोरख धंधे और मौत के माफिया द्वारा संचालित जघन्य अपराध की जानकारी नहीं है। जानकारी के बावजूद सिविल सर्जन व अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने अल्ट्रासाउंड माफिया सह फर्जी क्लिनिक संचालक महावीर प्रजापति को फायदा पहुंचाने के नियत से एक तरफ उसके क्लीनिक को सील कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ उसे अपने निजी आवास में गैर कानूनी तरीके से अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाने की खुली आजादी दे रखी है। आरोप है कि फर्जी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक संचालक महावीर प्रजापति द्वारा सिविल सर्जन को प्रतिमाह इस संरक्षण के एवज में मोटी रकम अदा करता है।
लेकिन इन सब के बीच सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि जिले के उपायुक्त कार्यालय व आवास समेत जिला प्रशासन के तमाम वरिय अधिकारियों के कार्यालय व आवास से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर प्रतिदिन धड़ल्ले से गर्भ में पल रहे मासूमो के मौत की खुलेआम पटकथा महावीर प्रजापति व उसके तथाकथित रिस्तेदार जैसे फर्जी रेडियोलॉजिस्ट
द्वारा लिखी जा रही है, और प्रशासन और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। विकास भवन-बाईपास रोड में पुराने सांसद आवास के समीप तथाकथित रेडियोलॉजिस्ट महावीर प्रजापति नामक माफिया खुलेआम मासूमों को मौत बांट रहा है। प्रशासन द्वारा न्यू बस स्टैंड के समीप उसके द्वारा संचालित अल्ट्रासाउंड क्लिनिक को सील किया जा चुका है। अल्ट्रासाउंड क्लिनिक सील होने के बावजूद प्रशासन के नाक के नीचे फर्जी तरीके से अल्ट्रासाउंड क्लिनिक संचालित कर वह कानून को खुली चुनौती पेश कर रहा है।
मरीज के अटेंडेंट के स्टिंग ने किया खुलासा, लिंग परीक्षण के बदले दो से पांच हजार तक कि करता है वसूली..!
अल्ट्रासाउंड क्लिनिक संचालक महावीर प्रजापति खुद व अपने करीबी रिश्तेदार को रेडियोलॉजिस्ट बताकर गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड करता है और गर्भ में पल रहे बच्चों का लिंग परीक्षण कर नौनिहालों के हत्या जैसे घटनाओं को अंजाम देने की पटकथा लिखता है। इसके अधूरे ज्ञान की वजह से जन्म से पूर्व गर्भ में पल रहे बच्चों की निर्मम हत्या हो रही है ? शहर के बायपास रोड में संचालित फर्जी नर्सिंग होम में झोलाछाप के सलाह पर अपनी गर्भवती पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचे मरीज के अटेंडेंट इस फर्जी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक व महावीर प्रजापति के घिनौने खेल का स्टिंग किया है। अटेंडेंट ने नाम सार्वजनिक नहीं करने के सर्त पर बताया कि प्रतिदिन पचास से अधिक गर्भवती महिलाओं का इस फर्जी क्लिनिक में महावीर प्रजापति व उसके एक करीबी रिश्तेदार के द्वारा गैरकानूनी तरीके से अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
इतना ही नहीं लिंग परीक्षण के बदले मरीजों से मोटी रकम वसूली जाती है। अटेंडेंट से भी तीन हजार रूपये की वसूली लिंग परीक्षण के बदले की गई थी। अटेंडेंट के अनुसार स्वास्थ्य महकमे व वरीय स्वास्थ्य अधिकारियों समेत सिस्टम को मैनेज करने का दावा महावीर के द्वारा किया जाता है, यही वजह है कि शहर के रिहायसी ईलाके में इतने आराम से वह मासूमों के जान से खेल रहा है और प्रशासन कार्रवाई तक नहीं करता..? उसने बताया कि इस बाबत उसने सिविल सर्जन डॉ जगदीस प्रसाद को भी मामले से अवगत कराया था। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं कि गई बल्कि संचालक महावीर को फोन पर सूचना मिल गई कि किसी ने शिकायत किया है। जिससे सीएस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। अटेंडेंट ने यह भी आरोप लगाया है कि शहर के विभिन्न इलाकों के अलावे विभिन्न विभिन्न प्रखंडों में संचालित झोलाछाप के फर्जी क्लीनिक और नर्सिंग होम से अल्ट्रासाउंड और लिंग परीक्षण के लिए यहां मरीज भेजे जाते हैं।
हालांकि इस पूरे मामले में उपलब्ध वीडियो से संबंधित पक्ष लेने को लेकर जब आरोपी संचालक महावीर प्रजापति से संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो वह क्लिनिक में नहीं मिला। वहीं फर्जी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक में मौजूद उसके कर्मियों ने आरोपों को गलत बताया है। कहा है कि अल्ट्रासाउंड क्लिनिक संचालित नहीं हो रहा है। जबकि वायरल ढाई मिनट के दो वीडियो में सबकुछ स्पष्ट है कि किस तरह संचालक महावीर प्रजापति खुद और उसका रिस्तेदार महिला को लेटाकर अल्ट्रासाउंड कर रहा है। जबकि एक महिला कर्मी अटेंडेंट को देख दरवाजा बंद करने का प्रयास करते दिख रही है।
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