अपना घर दिखाता पिपरा का रैयत |
रैयत ने दी आत्मदाह की चेतावनी
चौपारण : चौपारण प्रखंड के जीटी रोड पिपरा में फोर लेन से सिक्स लेन चौड़ीकरण में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया उलझ गई है। एनएचएआई एवं जिला भू अर्जन विभाग द्वारा ने ग्राम पिपरा के भूमि और मकान का नापी किये लगभग 3 साल हो गए। जिला भू अर्जन ने सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत रैयतों को ओने-पौने नोटिस दे दिया। एक दिन गांव पर आकर नोटिस देने के बाद बिचौलियों के बहकावे में आकर जिला भू अर्जन कार्यालय में आकर नोटिस लेने का फरमान जारी कर दिया।
लाचार पिपरा के रैयत कार्यालय जाकर नोटिस लेने लगे। उसके बाद वहां भी पावर व पैरवी हावी हो गया, जिससे कमजोर रैयतों को नोटिस नहीं मिला। इसमें सीताराम कुमार राणा पिता बेनी राणा का प्लॉट संख्या 2116/1, अवध राणा प्लॉट संख्या 1976, देवा साव प्लॉट संख्या 1270, रामखेलावन साव प्लॉट संख्या 1461, श्यामदेव साव प्लॉट संख्या 1270 है। इसी तरह बहुत सारे अन्य लोग भी है, जिनका मकान का नापी हुआ है और नोटिस के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने के काफी दिन बाद कुछ लोगो को मिला। सभी रैयत भुअर्जन कार्यालय, भवन प्रमंडल कार्यालय और एनएचएआई कार्यालय में आवेदन देकर बना हुआ अवार्ड दिखाने का मांग किये है।
सीताराम राणा ने कहा कि कार्यालय के कर्मियों का कहना है कि आप लोगो का अवार्ड बना है वह नही मिल रहा है। अब कोई भी अधिकारी अपना गलती मानने को तैयार नहीं है। जब नापी हुआ तो अवार्ड कहां गया।सभी रैयत का कहना है कि जो हमलोग का नापी हुआ उसी का नोटिस दिया जाय। ताकि हमलोगो को मुआवजा का भुगतान हो सके। मांग को देखते हुए एनएचएआई एवं जिला भू अर्जन ने सीताराम राणा के मकान का दुबारा मापी किया। 2013 में इसका मकान था कि नही उसका भी जांच किया। साथ ही मुआवजा देने से पूर्व जितने तरह की प्रक्रिया है उसे एनएचएआई एवं जिला भू अर्जन ने जांच किया और सही पाया। इसके बाद भी अब तक मुआवजा नही दिया गया है। जबकि राजकेशरी कंस्ट्रक्शन कंपनी मकान तोड़ने की तैयारी कर आधा दर्जन मशीन पिपरा में उतार दिया है। इस तैयारी से सीताराम राणा का कहना है कि अगर मुआवजा दिए बगैर मकान तोड़ देगा तो हम सब पूरे परिवार कहीं का नही रह पाएंगे। वैसे स्थिति में एक तरफ विकास और दूसरी तरफ मेरा परिवार का विनाश की स्थिति बन रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मेरे और परिवार के साथ एनएचएआई एवं जिला भू अर्जन द्वारा मनमानी किया गया तो हम आत्मदाह पर विवश हो जाएंगे।
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