विष्णुगढ़। विष्णुगढ़ प्रखंड क्षेत्र भर में गुरुवार को सुहागिन महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायु के लिए वट सावित्री पूजा की। इस दौरान महिलाओं ने बरगद के पेड़ में रंगीन कच्चा धागा बांधकर वट वृक्ष की परिक्रमा की । कहा जाता है कि भगवान विष्णु की लंबी आयु के लिए माता लक्ष्मी ने भी आज के दिन वट वृक्ष की पूजा कर भगवान विष्णु को खुश किया था, इसलिए सुहागिन महिलाएं भी आज के दिन ये पूजा करती हैं । जिसे प्रखंड के विभिन्न पंचायत जैसे विष्णुगढ़, अचलजामू ,अलपीटो , बक्सपुरा,बनासो , बराय,भेलवारा , जानो, चेहरा, गैड़ा, गाल्होवार, गोविंदपूर, जोबर,करगालो, खरकी,खरना, कुसुम्बा,मडमो,नागी,नरकी, नवादा,सारुकुदर,सिरैय बेडा़हरियारा जिससे आस पास के विभिन्न गांवों मे सुबह से ही पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती नजर आई । इस दौरान महिलाओं ने अपने पति के सुहाग को अमर रहने की कामना की, साथ ही विद्वान पंडित के द्वारा कथा भी सुनी । बताते चले कि इस मौके पर बरगद के पेड़ के नीचे सुहागिन महिलाओं का हुजूम रहा।
बताया जाता है पतिवर्ता स्त्री सावित्री ने अपने पति का प्राण हरने आए यमराज से जिद्द कर वट वृक्ष के निचे ही अपने पति के प्राण वापस लौटा लिया था । उसी पौराणिक कथाओं पर आज भी महिलाएं व्रत कर वट वृक्ष की पूजा करती हैं और पति के सुहाग को अमर रहने की कामना करती हैं । दूसरी मान्यता यह भी है कि भगवान विष्णु की लंबी आयु के लिए माता लक्ष्मी ने भी आज के दिन वट वृक्ष की पूजा कर भगवान विष्णु को खुश किया था। 'पौराणिक कथानुसार माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष पूजन किया था । भगवान विष्णु ने इस पूजा से खुश होकर माता लक्ष्मी को वरदान दिया , और कहा कि जो भी सुहागिन महिला वट वृक्ष के नीचे मेरी आराधना करेगी, उसका व्रत सफल होगा । पंडित पंचम तिवारी और ब्रह्मदेव मिश्रा ने कहा कि वट सावित्री पूजा के दिन वट वृक्ष का पूजा अर्चना करने का विधान है । व्रत करने से सौभाग्यवती महिलाओं की मनोकामना पूर्ण होती है और उनका सौभाग्य अखंड माना जाता है ।
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