नई दिल्ली: चुनाव रिजल्ट से पहले सरकार ने एक और महंगाई का झटका दिया है। अब हाइवे का उपयोग करने वाले वाहन चालकों को सोमवार से अधिक भुगतान करना होगा। सोमवार से देशभर में सड़क टोल टैक्स की दरों में औसतन 5 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी। राजमार्ग उपयोगकर्ता शुल्क का वार्षिक संशोधन पहले एक अप्रैल से लागू होना था। लेकिन चुनाव को लेकर इसे रोक दिया गया था। वार्षिक संशोधन औसतन पांच प्रतिशत के दायरे में रहने की संभावना है।
वार्षिक प्रक्रिया का हिस्सा
एनएचएआई के एक सीनियर अधिकारी ने रविवार को कहा, “नया टोल टैक्स तीन जून, 2024 से लागू होगा।” टोल शुल्क में यह परिवर्तन थोक मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में परिवर्तन से जुड़ी दरों को संशोधित करने की वार्षिक प्रक्रिया का हिस्सा है। राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर लगभग 855 उपयोगकर्ता टोल प्लाजा हैं, जिन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रहण) नियम, 2008 के अनुसार उपयोगकर्ता शुल्क लगाया जाता है।
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यात्रियों पर पड़ता है बोझ
अधिकारियों का कहना है कि टोल शुल्क में वृद्धि और ईंधन उत्पादों पर कर से राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार में मदद मिलती है, लेकिन विपक्षी दल और कई वाहन चालक टोल टैक्स में वार्षिक वृद्धि की आलोचना करते हैं और कहते हैं कि इससे आवश्यक वस्तुओं की परिवहन लागत बढ़ जाती है और यात्रियों पर बोझ पड़ता है।
दरअसल, 1 अप्रैल से टोल टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया गया था। लेकिन भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने NHAI से कहा था कि वह राजमार्गों पर नयी टोल दरों को लोकसभा चुनाव के बाद लागू करे। आमतौर पर देश के ज्यादातर टोल राजमार्गों पर दरों को एक अप्रैल से बढ़ाया जाता है, लेकिन चुनाव आयोग ने कहा कि नयी दरें लोकसभा चुनाव के बाद ही लागू होनी चाहिए। इससे लाखों लोगों को फौरी तौर पर राहत मिल गई थी। लेकिन अब आम चुनाव के बाद बढ़ी टोल दर से लोगों को झटका लगेगा। आपको बता दें कि भारत ने पिछले दशक में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिनकी कुल लंबाई लगभग 146,000 किलोमीटर है, जो दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक सड़क नेटवर्क है।
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