धनबाद : जोरापोखर झरिया विधानसभा में शालीमार की आधी आबादी इस भीषण गर्मी में महीनों से बिन पानी के तड़प रही है।मुख्य पाइप में पानी भरेगा,तभी पानी मिलेगा - ऐसा कहना है झमाडा के पेयजलापूर्ति अधिकारियों का । और आपको बताते चलें कि सिंदरी पाइप लाइन में न पानी भरता है और न ही शालीमार को पानी मिलता है। शालीमार के पहले और शालीमार के बाद के लोगों को आंशिक रूप से एक दिन बाद करके पानी आपूर्ति होती है । झमाडा अधिकारियों का कहना है कि जामाडोबा प्लांट से सिंदरी पाइप लाइन में कम प्रेशर में पानी छोड़ा जाता है , अगर ज्यादा प्रेशर में पानी छोड़ा जाएगा तो पाइप फट जाएगा क्योंकि बहुत पुराना है। यहां पर मैं आपको बता देना चाहता हूं कि क्या सिंदरी पाइपलाइन ही पुराना है ? इसी पाइप लाइन में आखिर ऐसा क्यों ? और दो-चार महीने में एकाक बार पानी आपूर्ति अच्छी होती है तो फिर झमाडा अधिकारियों का यह तर्क कहां तक उचित है ? विश्वत सूत्र बताते हैं कि शालीमार के आगे एक भल्ब है जिसे आगे के लिए बंद न कर खुला ही रखा जाता है ! क्योंकि डिगवाडीह के होटल वालों और दुकानदारों को अथाह पानी दिया जा सके ।
ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि वहां से मंथली अवैध वसूली की जाती है और यह वसूली झमाडा से रिटायर कर्मचारियों द्वारा की जाती है जिन्हें इस कार्य में लगाया गया है। उस व्यक्ति का नाम कामेश्वर बताया जा रहा है । इसके साथ-साथ अरुण कुमार नामक व्यक्ति के ईशारे पर ही यह सब कुछ होता है. लोग बताते हैं कि अरुण कुमार का ही सिक्का चलता है. अधिकारियों को गलत रिपोर्ट दिया जाता है। पिछले दिनों इन अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा था की फुसबंगला मोड़ के पास बल्ब जाम है। इस गंभीर समस्या को लेकर क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी वर्तमान में धनबाद लोकसभा प्रत्याशी जहीरूद्दीन खान के नेतृत्व में जोरदार आंदोलन किया गया था और उसके बाद तत्कालीन एसडीओ मनोज कुमार सिंह द्वारा इसे गंभीरता से लेते हुए उस भल्ब को भी चेंज कराया गया था । बावजूद समस्या का निदान नहीं हुआ। कुछ दिनों तक पानी मिला सुचारू ढंग से और फिर वही स्थिति बनी हुई है।
आपको बताते चलें कि पूरे झरिया विधानसभा में पानी की सप्लाई आंशिक रूप से की जाती है और हर क्षेत्र में एक दिन बाद एक दिन करके रूटीन बना हुआ है । इस बीच कभी बिजली नहीं रहने के कारण प्लांट में पानी नदी से मोटर द्वारा नहीं चढ़ पाता है तो कभी फिल्टर की समस्या होती है तो कभी पाइप फटते रहता है तो कभी बिजली चोर बिजली काट देते हैं यानी अनेकानेक समस्याएं हैं पानी आपूर्ति में बाधक। एक बात और है कि पानी नहीं मिलने पर अगर संबंधित अधिकारी को फोन किया जाए तो वह फोन भी नहीं उठाते हैं और झरिया विधानसभा के लोग हैं परेशान।आपको एक बात और बताते चलें कि पेयजल आपूर्ति की समस्या के लिए झमाडा अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्र के बड़े-बड़े ठेकेदार और व्यवसायी भी जिम्मेदार हैं क्योंकि वह सड़क किनारे रहते हैं और मुख्य पाइप के नजदीक होने के कारण हैवी मोटर समरसेबल पंप लगाकर पूरा पानी अपने घर में बड़ा-बड़ा जमीन के अंदर टंकी बनाकर ही खींच लेते हैं और पानी आगे तक नहीं जा पाता है इसकी जांच की आवश्यकता है परंतु जांच करेगा कौन ? यह भी एक बड़ा सवाल है क्योंकि झमाडा अधिकारी ऐसे लोगों से मधुर संबंध बना रखे हैं। ऐसे लोगों से झमाडा कर्मचारी,अधिकारियों की मिलीभगत का परिणाम भी आम लोगों को झेलना पड़ रहा है। शालीमार में रहने वाले एक बीसीसीएलकर्मी शशिकांत पांडे ने बताया कि बीसीसीएल अपने कर्मचारियों को सुचारू ढंग से पानी आपूर्ति करने के लिए लाखों रुपए महीना झमाडा को पेय करती है परंतु पानी नहीं मिलना एक दुर्भाग्य है.इस पर बीसीसीएल को भी अपने स्तर से झमाडा के साथ बात करनी चाहिए और बिल रोकना चाहिए। उल्लेखनीय रहे की पानी की यह समस्या वर्षों वर्ष पुरानी समस्या है और इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं। झमाडा अधिकारियों और कर्मचारियों की अपनी मनमानी चलती है। अधिकांश कर्मचारी शराब के नशे में धुत रहते हैं कुछ लोग शराब पिलाकर भी अपने क्षेत्र में भल्ब खुलवाते रहते हैं। वर्षों पुरानी इस जर्जर प्लांट और पानी की सुचारू व्यवस्था के लिए झरिया की वर्तमान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने अपनी जीत के बाद अपने वायदे के अनुसार पहल शुरू की।नया प्लांट बना और पाइप बिछाने में तेजी हुई पर यह एकबार फिर शिथिल पड़ा हुआ है और अब लोग यह पूछ रहे हैं कि पानी आखिर कब तक मिलेगा नये पाइपलाइन से । लेकिन यह बताने वाला कोई नहीं । इस बीच आपको बताते चलें कि नई पाइपलाइन बिछाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। पुराने पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होते गए । लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा । कई लोगों की गड्ढों में गिरकर जान गई और सड़कें भी जहां-तहां तोड़कर पाइपलाइन ले जाया गया परंतु पानी की समस्याएं आज भी विराजमान है।धनबाद लोकसभा प्रत्याशी जहीरूद्दीन खान ने कहा कि अगर यही समस्या बरकरार रही तो जल्द ही आम लोगों के नेतृत्व में एक विरोध आंदोलन किया जाएगा । क्योंकि जल ही जीवन है और यह मौलिक समस्या है इसका निदान तत्काल होना आवश्यक है.
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