वहीं ऐसी में भी लोगों को सुकून नहीं मिल रहा है। ऐसे में लोग जाएं तो कहां जाएं आखिर यहां के लोग अब घने पेड़ों के नीचे अपना आशियाना बनाए हुए हैं। दिन 9 से 10 बजे के बाद यहां के अधिकांश लोग अपने-अपने घरों के आसपास पेड़ पौधे के नीचे आकर बैठ जाते हैं और इसी स्थल पर आवश्यक कार्य भी कर रहे हैं। जिससे यहां इन्हें राहत की सांस मिल रही है। भीषण गर्मी में एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं पशु-पक्षी। इस गर्मी के मौसम में लू के साथ साथ चिलचिलाती धूप से जनजीवन त्रस्त हो गया है। पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए नदियाँ, तालाब सब सूख गए हैं । मवेशी बूंद बूंद पानी के लिए इधर उधर भटक रहे है। प्रखंड क्षेत्र में स्थित तालाबों एवं नदियों में एक बूंद पानी नजर नही आ रहा है। अपनी हलक की प्यास बुझाने के लिए बेजुबान पशु- पक्षी पानी के लिए इधर उधर घूम रहे है।
0 Comments