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Chouparan: आदिवासियों के आड़ में भू माफिया कर रहे जंगलो पर कब्जा : आशीष मंडल


Hazaribagh : (डैली खबर न्यूज । चौपारण) अंचलाधिकारी आशीष कुमार मंडल ने वाट्सअप ग्रुप पर चौपारण प्रखंड अवैध तरीके से जीएम एवं जंगल भूमि का अतिक्रमण की बात लिखकर जारी किए है। उन्होंने कहा कि सीधे-साधे आदिवासियों का इस्तेमाल कर कुछ जाने माने लोग चौपारण के जंगलों पर कब्जा करना चाह रहे हैं। सीओ मंडल ने कहा है कि चौपारण की जंगलों में जो आदिवासी रह रहे हैं। उनमें से अधिकांश गांव के खतीयानी रैयत नहीं है। ऐसे आदिवासियों को सुनियोजित तरीके से बाहर से लाकर जंगल में बसाया जा रहा है। इन आदिवासियों को वन अधिकार पट्टा दिलाकर जंगल की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है। बाहर से आकर जंगलों में कुछ समय से निवास करने वाले आदिवासी वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने की आहर्ता नहीं रखते हैं। इसके लिए गलत प्रमाण पत्र तैयार कर वन अधिकार पट्टा का आवेदन कराया जा रहा है।

अंचलाधिकारी आशीष कुमार मंडल
अंचलाधिकारी आशीष कुमार मंडल

ऐसा ही मामला चोरदाहा पंचायत में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान सामने आया है। जिसमें आठ आदिवासियों के द्वारा वन अधिकार पट्टा का दावा किया गया। जब उनके दस्तावेजों की जांच की गई तो पाया गया कि उसमें संलग्न दस्तावेज जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। सीओ ने कहा कि आदिवासी फर्जी काम नहीं करते हैं ऐसा मेरा मानना है। परंतु जो गलत लोग जंगल पर अधिकार करने के लिए लगे हुए हैं। उनके द्वारा इस प्रकार का षड्यंत्र रचा जा रहा है। फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले आठ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। 

जैसे-जैसे इस मामले की जांच होगी परत दर परत गलत लोगों के नाम सामने आने लगेंगे। सीओ मंडल ने वन विभाग के कार्य कलाप पर सवाल उठाते हुए कहा कि आदिवासी 2005 से पूर्व से जंगलों में रह रहे हैं, तो फिर वन विभाग के द्वारा अब तक इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई क्यों नहीं हुई यह भी विचारणीय है। साथ ही सीओ मंडल ने अपील करते हुए कहा कि चौपारण के जंगलों पर यहां के रैयतों का नियंत्रण रहे, यहां के लोग उससे लाभान्वित हो तथा किसी प्रकार की गैर कानूनी गतिविधि आदिवासियों की आड़ में जंगलों में न हो इसके लिए सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है। मालूम हो कि चौपारण प्रखंड का भौगोलिक परिदृश्य में एक तिहाई जंगल है। जिसकी सुरक्षा व्यवस्था एवं संचालन के लिए वन विभाग का पांच विभाग कार्यरत हैं। जिसमे गौतम बुद्धा वन्यप्राणी आश्रयणी, प्रादेशिक वन प्रक्षेत्र, सामाजिक वानिकी प्रक्षेत्र कोडरमा, वनरोपण प्रक्षेत्र चतरा, वनागार डिपू चौपारण त्रों के अनुसार

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