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विधिक जागरूकता कार्यक्रम में बच्चो को किया जागरूक

चौपारण प्रखण्ड में  विधिक जानकारी देते अधिवक्ता मुरली राणा


● अधिकारों को जानना व सदुपयोग मूल मंत्र : अधिवक्ता मुरली

Hazaribagh : चौपारण प्रखंड के पांडेयबारा, बरहमौरिया, पड़रिया, बसरिया एवम बेलाही पंचायत में विधिक जागरूकता कार्यक्रम के तहत बच्चो को विधिक जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार हजारीबाग सचिव गौरव खुराना के निर्देशन में शनिवार को दी गई। जिसके तहत चौपारण के मध्य विद्यालय पांडेयबारा, उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरहमौरिया सहित विभिन्न गांवों में घूम कर लोगों को विधिक जानकारी एवं उनके अधिकारों के बारे में बताया गया। पैनल लॉयर मुरली राणा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे देश का भविष्य है और हर बच्चों को शिक्षा पाना उनके मूलभूत अधिकार में से एक है। आप अपने विवेक एवं ज्ञान से सशक्त एवं सबल व्यक्ति बन कर देश को मजबूत बना सकते हैं। शिक्षा के आभाव में लोग अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों से वंचित रह जाते हैं। साथ ही शिक्षा का अधिकार, दहेज, बाल विवाह, बाल मजदूर, दुर्घटना, पोक्सो एक्ट, घरेलू हिंसा, प्रताड़ना के बारे में विस्तृत से जानकारी दी गई। विधिक जानकारी के अभाव में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और लोग गलत राह पर चले जाते हैं। जिससे शोषण के अधीन हो जाते है। इसलिए सभी को अपने मूलभूत अधिकारों को जानना अति आवश्यक है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार का मुख्य लक्ष्य है कि प्रत्येक व्यक्तियों को अपने अधिकारों एवं कानून को जानकारी दे। इसलिए हमलोग हर एक गांव, गली मोहल्ले में जाकर लोगों को विधिक के बारे में बता रहे हैं। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के संचालक बीरबल साहू ने स्कूली बच्चों को बाल विवाह एवम बाल मजदूरी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विवाह करने के लिए लड़की का उम्र 18 एवम लडको की उम्र 21 वर्ष है।इससे पहले विवाह करना और करवाना कानून जुर्म है। वही 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी करवाना भी जुर्म है। पीएलवी हरेंद्र राणा ने ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को बताया कि अपने अधिकारों की जानकारी नहीं होने के कारण सरकारी संस्थानों में अपने अधिकार का लाभ नहीं ले पाते हैं। जिन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता होता है एवं जानकारी होती है वे लोग योजनाओं का लाभ ले लेते हैं। इसलिए सभी को अपने अधिकार के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है। मौके पर प्रधानाध्यापक सुबोध सिंह, प्रधानाध्यापक भागीरथ रविदास, भुनेश्वर प्रसाद, गीता प्रजापति, लीलाधर दास, सतेंद्र पांडेय, अश्वनी पांडेय, राजकुमार रविदास सहित विद्यालय के वर्ग आठवां, नवम और दशम के दर्जनों विद्यार्थी उपस्तिथ थे।

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