1975 से ग्रीस में आया इस पुरस्कार का चलन
पीएम मोदी ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में पर्यावरण सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन के विषय को उच्च प्राथमिकता दिलवाई है।” ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ की स्थापना 1975 में की गई थी। सितारे के आमुख पर देवी अथेना चित्र अंकित है। इसके साथ ‘‘ओनली द राइचस शुड बी ऑनर्ड’’ (केवल सत्यनिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान हो) इबारत उकेरी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने यूनान में अपने कार्यक्रमों की शुरुआत एथेंस में अज्ञात सैनिकों के मकबरे पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। पिछले 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूनान की यह पहली यात्रा है। किसी शीर्ष भारतीय राजनेता की यूनान की आखिरी यात्रा सितंबर 1983 में हुई थी जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश की यात्रा की थी। इसके बाद उन्हें एक समारोह में ‘सलामी गारद’ पेश किया गया। मोदी, यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर यहां आए हैं।
फ्रांस समेत ये देश भी दे चुके हैं सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस ने सर्वोच्च सम्मान "ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर" से नवाजा था। उन्हें यह पुरस्कार फ्रांस ने बीती 14 जुलाई को अपने राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर दिया था। ये फ्रांस का सैन्य और सिविल दोनों ही क्षेत्रों में सबसे बड़ा सम्मान है। पीएम मोदी ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें यह सम्मान दिया गया। पीएम मोदी को मिला यह 14वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान था। अब ग्रीस ने उन्हें 15 वें अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काहिरा यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी द्वारा मिस्र के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से भी सम्मानित किया गया था। 1915 में स्थापित, 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' उन राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों और उपराष्ट्रपतियों को प्रदान किया जाता है जो मिस्र या मानवता को अमूल्य प्रदान करते हैं। इससे पहले उन्हें पापुआ न्यू गिनी, फिजी, पलाऊ गणराज्य, भूटान, अमेरिका, बहरीन, मालदीव, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, फिलिस्तीन, अफगानिस्तान, साऊदी अरब आदि देशों ने भी सम्मानित किया है।
0 Comments