राहु बाबा को प्रसन्न करना है तो दुसाध के लोगो की सेवा और दान,करो - महरु पासवान (भगत)
Hazaribagh : पदमा प्रखण्ड के सूदूर ग्रामीण क्षेत्र में राह बाबा पूजा की परंपरा आज भी जीवन्त है आस्था की आग में नंगे पांव चलकर भगत के साथ श्रद्धालुओं ने राह बाबा के प्रति अपनी भक्ति दिखाई। मंगलवार को यह दृश्य देखने के लिए लोगों की उमड़ी भरी भीड़।
प्रखण्ड के ग्राम तिलिर में राह बाबा भगवान का पूजा पूरे रीति रिवाज व हर्षोल्लान के साथ सम्पन्न किया गया ।उक्त ग्राम निवासी संजय पासवान सह धर्म पत्नी मुनवा देवी मुख्य यजमान की भूमिका में रहे,बताया जाता है कि राहु भगवान पूजा की परंपरा काफी वर्षो से चलता आ रहा है जैसा कि मान्यता है कि इनकी पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
यह पूजा विधि विधान से नारायणपुर टाटी झरिया विष्णुगढ़ हज़ारीबाग़ से भगत महरु पासवान व पुरोहित द्वारा पूजा की शुरुवात कर ,सभी देवी देवताओ के विधिवत पूजा अर्चना के साथ कि गई। भगत ने पूजा के दौरान खौलती दूध में हाँथ डालकर और तलवार में नंगे पांव रखकर सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था दिखाया ।महरु भगत ने कहा कि सनातन धर्म एक आस्था का धर्म है ,धर्म के प्रति अपनी आस्था में विश्वास रखकर किया जाता है लोग लंगे पाव अंगारे में रखते परन्तु किसी को कोई जलन नही होता है ।उन्होंने कहा कि दुसाध जाती के लोगो को प्रसन्न करना राहु भगवान को प्रसन्न करने जैसा होता है
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