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चौपारण के ऐतिहासिक धरोहर को मिला पर्यटक स्थल का दर्जा

 


• राज्य सरकार के कला, संस्कृति, युवा, खेलकूद मंत्रालय दी मान्यता, लगा बोर्ड

Hazribagh: हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के ऐतिहासिक धरोहरों को चिन्हित कर सरकार द्वारा पर्यटक स्थल की दर्ज मिल गई है। शनिवार को झारखंड राज्य सरकार के कला, संस्कृति, युवा, खेलकूद मंत्रालय द्वारा बोर्ड लगाकर क्षेत्र को चिन्हित किया। ऐतिहासिक धरोहरों में कमला माता मंदिर, दैहर, सोहरा का समोखर मंदिर, हथिन्दर का पत्थर का गुम्बज, मानगढ़ का किला में जिला प्रशासन द्वारा बोर्ड लगाकर इन क्षेत्रों का प्रचार, प्रसार कर रही है। इन क्षेत्रों में ढाई हज़ार साल पुरानी सभ्यता छिपी है। जिसका प्रमाण राज्य और केंद्र सरकार के भौतिक विभाग द्वारा जांच किया गया है। दैहर कि ऐतिहासिक सभ्यता को विदेशों तक पहचान मिल चुकी है।



 ग्राम दैहर के समाजसेवी सह ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नागेंद्र कुमार ने बताया कि  दैहर के ऐतिहासिक स्थल पर का आजादी के बाद खुदाई किया गया। खुदाई में बौद्ध काल से लेकर गुप्त वंश तक के समय से संबंधित प्राचीन मूर्तियाँ का भंडार, एक कुआं से भिन्न भिन्न प्रकार की सैकड़ो मूर्तियाँ निकली। कुमार ने बताया कि दैहर गांव के बीच एक बड़ा टीला तथा चारो ओर झाड़ियां था। 

जब झाड़ियों की सफाई की गई तो एक पुरानी सभ्यता काल का कुआं था। कुआं की सफाई में ही काफी संख्या में मूर्तिया निकली थी। जिसमे ही कई मूर्तियों को एक जगह एकत्र कर ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर का निर्माण कर मूर्तियों को स्थापित किया गया। यह मंदिर आज कमला माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। दैहर के आसपास के गांवो तथा परती भूमि, जंगल झाड़ में कई ऐतिहासिक धरोहर आज भी देखा जा सकता है। कहा सरकार द्वारा दैहर को पर्यटक स्थल की मान्यता तथा खुदाई के बाद कई ऐतिहासिक जानकारी मिल सकता है। कुमार ने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों से कई पुरातत्व विभाग के विद्वान, कलकत्ता, दिल्ली, वाराणसी, नालंदा सहित  विदेशों से भी आकर आकलन किए है और रिपोर्ट राज्य सरकार व केन्द्र सरकार को भेजते रहे है। 


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