वहीं सरकार से जमीन लेने वालों को जमीन का लीज निबंधन होने के बाद पहली किस्त मिलेगी। 10 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त एनएमसी द्वारा निर्धारत मापदंडों का 50 प्रतिशत पूरा करने पर दिया जाएगा। वहीं 10 करोड़ रुपए की तीसरी किस्त एनएमसी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर एमबीबीएस पहले फेज की पढ़ाई शुरू करने और दूसरी किस्त का उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को सौंपने के बाद जारी की जाएगी।
जमीन के लिए तीन किस्तों में होगी कटौती
वर्तमान नीति के तहत सरकार जमीन देने पर उसकी कुल कीमत अनुदान की राशि से कटौती करती है। अब जिले में जमीन उपलब्ध होने पर सरकार 25 एकड़ जमीन लीज पर देगी। इसके लिए अनुदान से 50-50 लाख की तीन किस्तों में कटौती करेगी। लीज निबंधन के समय आवेदक को 20 लाख रुपए की बैंक गारंटी देनी होगी। एनएमसी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर फर्स्ट ईयर की पढ़ाई शुरू करने पर यह राशि मुक्त कर दी जाएगी।
7 साल में कॉलेज को बनाना होगा अपना अस्पताल
अनुदानित निजी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए शुरुआत में 300 बेड के हॉस्पिटल की व्यवस्था में सहयोग के तहत राज्य सरकार जिले के सरकारी अस्पताल को 6-7 वर्ष के लिए अनुदानित मेडिकल कॉलेज से संबद्ध करेगी। सात वर्ष के अंदर मेडिकल कॉलेजों को अपना अस्पताल बनाना होगा। संबद्धता काल में अस्पताल से आय की 20 प्रतिशत राशि सरकार के समान्य जन चिकित्सा कल्याण कोष में देना होगा।
शर्तों का उल्लंघन करने पर होगी वसूली
अनुदान की दूसरी किस्त जारी होने के तीन साल के अंदर एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू न करने पर अनुदान राशि की वसूली की जाएगी। जमीन का लीज रद्द करते हुए लोन और बैंक गारंटी को देखते हुए कॉलेज की आधारभूत संरचना को सरकार कब्जे में ले लेगी। विशेष परिस्थिति में यह अवधि एक-दो साल बढ़ाई जा सकती है।
30% बेड पर इलाज का खर्च एम्स और पीजीआई से दोगुना से ज्यादा नहीं
1. अनुदानित मेडिकल कॉलेजों में 30% बेड वैसे रोगियों के लिए होगा, जिसका इलाज का खर्च एम्स और पीजीआई से दोगुना से ज्यादा नहीं होगा। 2.70% बेड पर इलाज का रेट कॉलेज प्रबंधन तय करेगा। 3.अनुदान नीति के तहत मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए संबंधित जिले के सरकारी अस्पतालों को अगले 5 सालों के लिए निजी संस्थानों को दिया जाएगा। इसका सारा खर्च संस्थानों को उठाना होगा। 4.एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 50% सीटों का खर्च सरकारी मेडिकल कॉलेज के अनुरूप होगा। 50% का खुद तय करेंगे। 5.प्रबंधन की 50% सीटों का शिक्षण शुल्क भी सरकार की 5 सदस्यीय शुल्क निर्धारण समिति करेगी । 6.नीट से दाखिला होगा। सीट खाली रहने पर कॉलेज प्रबंधन नामांकन कर सकता है।
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