Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर (Shree Ram Janmbhumi Mandir) में स्थापित होने वाली दो शालिग्राम शिलाएं (Shaligram Shila) अयोध्या धाम पहुंच गई हैं. भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) का स्वरूप मानी जाने वाली शालिग्राम शिला का अयोध्या धाम में भव्य स्वागत किया गया।
बताया जा रहा है कि ये दोनों शिलाएं करीब छह करोड़ साल पुरानी है, जिसमें से एक का वजन 26 टन तो दूसरे का वजन 14 टन है. नेपाल की पवित्र गंडकी नदी से निकाली गई इन दोनों शिलाओं को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रखा जाएगा. इन शिलाओं से भगवान श्रीराम के बाल्य स्वरूप की मूर्ति और माता सीता की मूर्ति बनाई जाएगी।
वैज्ञानिक नजरिए से शालिग्राम को एक जीवाश्म पत्थर माना जाता है और धार्मिक नजरिए से इसका उपयोग भगवान का आह्वान करने के लिए किया जाता है. शालिग्राम शिला मुख्य तौर पर नेपाल की गंडकी नदी पर मिलती है, जो वैष्णवों द्वारा पूजी जाने वाली सबसे पवित्र शिला है और इसे भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है.
शिला का स्वागत करने के लिए इस दौरान बड़ी संख्या में साधु संत एवं अयोध्यावासी एकत्रित रहे। इनमें जगद्गुरु परमहंस आचार्य, गुरुद्वारा ब्रह्म कुंड के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह, विधायक रामचंद्र यादव, राम मंदिर समर्थक मुस्लिम नेता बब्लू खान, जिला भाजपा अध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्र, कारसेवकपुरम के प्रभारी शिवदास सिंह आदि प्रमुख रहे. इस बीच नेपाल से रामलला की मूर्ति के लिए आई शिला को शिरोधार्य करने की होड़ मची रही. कोई उसके आगे नतमस्तक हो रहा था, कोई उस पर टीका लगा रहा था, तो कोई शिलाओं के साथ सेल्फी ले रहा था।
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