पुरी। ओडिशा के पूरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर में चूहों के आतंक ने मंदिर प्रबंधन को परेशान कर रखा है. चूहों ने भगवान जगन्नाथ की रस्सी और कुछ कपड़े काट डाले हैं जिससे वहां के पुजारी और सेवादार काफी चिंतित हैं. चूहों ने भगवान जगन्नाथ और उनके भाई और बहन भगवान बालभद्र और देवी सुभद्रा के कपड़ों को भी कुतर दिया है। इसके बाद मंदिर प्रशासन काफी परेशान हो गया है। मंदिर में काम कर रहे सेवादारों का कहना है कि मंदिर के पवित्र गर्भगृह और लकड़ियों की मूर्तियों को चूहों से काफी खतरा है। हालांकि इस संबंध में मंदिर प्रशासन ने कोई शिकायत नहीं की है।
बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान भक्तों की अनुपस्थिति और लॉकडाउन के समय में चूहों का प्रकोप कई गुना बढ़ गया था. चूहे मंदिर के ऐतिहासिक और पवित्र स्मारक को नष्ट कर रहे हैं. चूहों द्वारा मंदिर में देवताओं की लकड़ी की मूर्तियों को क्षति पहुंचा रहे हैं. इन मूर्तियों के संरक्षण को लेकर सेवादार और पुजारी चिंतित हैं. रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौर से ही चूहे ऐतिहासिक और पवित्र मंदिर स्मारक को तहस-नहस कर रहे हैं. मंदिर परिसर में ‘रत्न सिंहासन’ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के कपड़ों को ये चूहे कुतर देते हैं.
जगन्नाथ पुरी के मंदिर के सेवक सत्यनारायण पुष्पालक ने कहा, ‘हमें चूहों और उनके द्वारा फैलाई गई गंदगी के कारण पूजा-पाठ करने में दिक्कत आ रही है। वह भगवान के कपड़ों और उन पर चढ़ाई गई मालाओं को कुतर रहे हैं। इसके अलावा वह देवी देवताओं की मूर्तियों के चेहरे को भी खराब कर रहे हैं।’ एक अन्य सेवक भागबन पांडा ने कहा, ‘चूहों ने पत्थरों के बीच गैप या फिर फर्श में बिल बना रखे हैं। इससे इस पवित्र स्थल की अवसंरचना को काफी नुकसान पहुंच रहा है।’
सेवादार विजयकृष्ण पुष्पलका ने बताया कि चूहों को यहां से बाहर कर दिया गया था, वो फिर हमें परेशान नहीं कर रहे थे लेकिन अब अचानक हमें पता चला कि प्रभु के कपड़े फिर से काटे जा रहे हैं, इसलिए हमने चूहों को पकड़कर फेंक दिया.
उन्होंने कहा हम फिर से मंदिर प्रशासन को सूचित करेंगे. हम चूहों को पकड़कर बाहर निकाल देंगे, चूहे ही नहीं, बिच्छू भी हैं, उन्हें फंसाने के बाद बर्तन में डालकर बाहर निकालने की व्यवस्था करेंगे.
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वहीं एक अन्य सेवादार गौरहरि प्रधान ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की कई गुप्त सेवाएं हैं, चूहे को नियत्रंति करने के लिए कई चीजें मंदिर के अंदर रखी जाती हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि अगर चूहा, कॉकरोच आ जाए तो खतरा है, उन्होंने कहा उन्हें वहां से हटाया जाए और इस पर ज्यादा चर्चा करने की जरूरत नहीं है.
कोरोना महामारी के दौर में मंदिर के अंदर चूहों और कॉकरोच की आबादी में काफी वृद्धि हो गई है। साल 2020 और साल 2021 में कई महीनों तक मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए बंद रहे थे। मंदिर प्रशासन ने इस पर कहा, ‘हमें इस मुद्दे को लेकर जागरूक हैं। हम सभी सावधानियां बरत रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि चूहों से छुटकारा मिल जाए। फिलहाल तत्काल राहत के लिए अपने चूहेदानी लगाई हुई है। इस चूहेदानी में जो भी चूहे फंसेंगे उन्हें मंदिर के बाहर छोड़ दिया जाएगा।
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