ऐसी घटना दुबारा न हो इसपर भी विस्तार से चर्चा कि गई. बैठक में विधानसभा में विपक्ष सवालों का कैसे जवाब दिया जाये, सरकार का पक्ष किस तरह से रखा जाये, इन सभी विषयों पर चर्चा कि गई. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले महागठबंधन में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी साझेदार है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के सारे सवालों के जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष पूरी तरह से तैयार है.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने भी विधानसभा सत्र की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की थी. इस बैठक में मुख्य विपक्षी दल भाजपा शामिल नहीं हुई थी. उल्लेखनीय है कि 19 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है.
इससे पहले हेमंत सोरेन की सरकार ने 1932 के खतियान और ओबीसी आरक्षण का बिल पास करने के लिए विशेष सत्र बुलाया था. हेमंत सोरेन ने इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया था. अब जबकि जेएसएससी नियक्ति नियमावली को हाईकार्ट ने खारिज कर दिया है. इसको लेकर भाजपा हेमंत सरकार पर हमलावर हो गई है.
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