जेल से ही सक्रिय हैं राज्य के कई बड़े अपराधी
झारखंड के बड़े व कुख्यात अपराधी जेल के अंदर रहते हुए भी सक्रिय हैं. जेल से ही वाह्ट्सएप और बाहर रह रहे अपने गुर्गों के सहयोग से गिरोह चलाते हैं. इतना ही नहीं आए दिन आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दिलाते हैं. रंगदारी वसूलने का काम करते हैं. जेल में बंद और बाहर रह रहे अपराधियों की गतिविधियों के संबंध में खुफिया विभाग द्वारा एकत्र की गयी जानकारी से इसकी पुष्टि होती रही है. जेल में रहते किसी अपराधी के सक्रिय होने की सूचना पर अमूमन संबंधित जिला की पुलिस उसे दूसरे जिले के जेल में ट्रांसफर करने व केस दर्ज करने की कार्रवाई करती है. लेकिन इसका भी असर बड़े अपराधियों पर नहीं हो रहा है. हाल के दिनों में कई अपराधियों के जेल ट्रांसफर होने के बाद भी उनकी सक्रियता की जानकारी खुफिया विभाग के जरिये पुलिस तक पहुंचती रही है.
4G फोन का है जमाना, जेलों में अब भी लगा है 2G जैमर
झारखंड की जेलों में कैदियों की भरमार लगी हुई है. जेल में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. सूबे की जेलों में एक-दो नहीं बल्कि क्षमता से 3756 ज्यादा कैदी बंद हैं. पूरे झारखंड में 31 जेल हैं. जिनमें सात सेंट्रल, 17 जिला एवं 6 अनुमंडल कारा हैं और एक ओपन जेल है. इन सभी जिलों में कैदियों के रखने की कुल क्षमता 17501 है.
जबकि वर्तमान में 21257 कैदी जेलों में बंद है. रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा सहित सभी जेल जैमर फ्री हो गये हैं. इससे जेल से ही वाट्सअप कॉल कर अपराधी अपना गैंग चला रहे हैं और बाहर अपराध को अंजाम दे रहे हैं. इससे पुलिस को अपराध नियंत्रण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक, राज्य के कुल 31 जेलों में से 17 जेलों में टूजी जैमर 2008 में लगाये गये थे.
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