Ranchi: ED के समन के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ED कार्यालय पहुंच चुके हैं. ईडी के सामने पेश होने से पहले हेमंत सोरेन ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी. साथ ही ईडी के लिए तैयार किया गया जवाब मीडिया के लोगों के बीच बांटा. जानिए, क्या दिया हेमंत सोरेन ने ईडी को जवाब.
प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण प्रत्येक राज्य अवैध खनन के अभिशाप से ग्रसित है और झारखंड इससे अछूता नहीं है. झारखंड राज्य से अवैध खनन को समाप्त करने के लिए मैं कृत संकल्पित हूं.
और इस दिशा में किसी भी एजेंसी के ईमानदार प्रयास का स्वागत करता हूं. 29 दिसंबर 2019 को मेरी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद मेरे नेतृत्व में पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले 2 सालों में कोरोना के कारण खनन कार्य प्रभावित होने के बावजूद रॉयल्टी 270 करोड़ रुपए (2019-20) से बढ़कर 360 करोड़ रुपए (2021-22) में राज्य को मिला.
लगभग 20% पत्थर खनन का रॉयल्टी साहिबगंज से आता है. लेकिन आपके स्टेटमेंट से ऐसा लगता है कि साहिबगंज में हजार करोड़ रुपए का अवैध खनन स्कैम हुआ है. साहिबगंज में पत्थर के अवैध खनन से हजार करोड़ के राज्य को राजस्व नुकसान के आप के आरोपों के संबंध में निम्नलिखित तथ्य विचारणीय है.
1. खनन विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले 2 सालों में पूरे झारखंड राज्य में लगभग 9 करोड़ मैट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है. जिसमें 60 परसेंट बोल्डर 35 परसेंट स्टोन चिप्स और 5 परसेंट स्टोन डस्ट इत्यादि हैं. इस 9 करोड़ मीट्रिक टन में से करीब 20% पत्थर का खनन साहिबगंज जिला में हुआ है.
2. राज्य को 95 प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी बोल्डर पर, 175 रुपए प्रति मैट्रिक स्टोन चिप्स पर और 18 प्रति मैट्रिक टन स्टोन डस्ट पर रॉयल्टी मिलता है.
3. इस प्रकार भारित औसत के आधार पर राज्य को 120 प्रति मेट्रिक टर्न रोटी पत्थर खनन से प्राप्त होता है.
4. दो सालों में हजार करोड़ रुपए के रॉयल्टी के नुकसान के लिए करीब 8 करोड़ मैट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहिबगंज जिले में करने की आवश्यकता होगी, जो उस जिले में हुए अवैध खनन का 4 गुना होता है.
5. दो सालों में 8 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर के परिवहन के लिए 20,000 से अधिक रेलवे रैक या 33 लाख से अधिक ट्रक की आवश्यकता पड़ेगी. क्योंकि एक रेलवे रैक की क्षमता चार हजार मैट्रिक टन और एक ट्रक की क्षमता 25 मीट्रिक टन ही होती है.
6. रेलवे बगैर माइनिंग/मिनिरल चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है. ऐसा प्रतीत होता है कि आपने एक भी रेलवे रैक बगैर चालान के नहीं पाया है, क्योंकि अभी तक आपने किसी भी रेलवे कर्मचारी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की है.
7. आपने बताया है कि पिछले 2 सालों में 6500 रैक साहिबगंज जिले से पत्थर खनन के लिए उपयोग किए गए हैं. यदि यह सारे 6500 रेलवे रैक केवल अवैध रूप से खनन किए गए पत्थर का परिवहन भी किया जाता है (जो संभव नहीं है) तो भी यह 8 करोड मीट्रिक टन अवैध खनन किए गए पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते हैं. जिसे हजार करोड़ रुपए का रॉयल्टी प्राप्त हो सके.
8. इसके अलावा 2 सालों में 8 करोड़ मीट्रिक टन अवैध पत्थर के परिवहन के लिए हर दिन 4500 ट्रक की आवश्यकता होगी. जबकि पूरे साहिबगंज जिला में करीब 800 ट्रक मात्र ही निबंधित और चालू अवस्था में है.
9. साहिबगंज में कुछ घाट है जहां से आप क्लेम करते हैं कि जहाज के माध्यम से अवैध रूप से खनन किया गए पत्थर का परिवहन किया जाता है.
10. लेकिन उपलब्ध सभी रेलवे रैक, जहाज मिलकर भी आठ करोड़ मैट्रिक टन अवैध रूप से खनन किया गया पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते थे. जिससे कि राज्य को हजार करोड़ रुपए रॉयल्टी का पिछले 2 सालों में नुकसान हो सके.
11. न केवल परिवहन असंभव है बल्कि इसने क्रशर और अन्य संसाधन जैसे टिप्पर इत्यादि साहिबगंज में कहां है. जिससे कि 4 करोड़ मीट्रिक टन हर साल अवैध पत्थर खनन को अंजाम दिया जा सके. जबकि साहिबगंज में हर साल हुए खनन मात्र एक करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का है. किसी भी परिस्थिति में एक करोड़ मैट्रिक टन के अवैध खनन के लिए उपलब्ध क्षमता और संसाधन से चार करोड़ मैट्रिक टन अवैध खनन संभव प्रतीत नहीं होता है.
12. आप मात्र साहिबगंज में हजार करोड़ रुपए के अवैध पत्थर खनन का क्लेम कर रहे हैं. जबकि, जैसा कि मैंने पहले कहा है कि पूरी झारखंड राज्य में पत्थर खनन से पिछले 2 सालों में समय के रूप से कुल 750 करोड रुपए रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुए हैं. मुझे लगता है कि आपने उक्त तथ्यों एवं आंकड़ों को साहिबगंज में हजार करोड़ रुपए के अवैध खनन का आरोप लगाने से पहले संज्ञान में नहीं लिया है. ईडी को बगैर तथ्यों एवं आंकड़ों का सत्यापन किए हजार करोड़ रुपए का अवैध खनन संबंधी सनसनीखेज बयान जारी करना शोभा नहीं देता है.
वह भी तब जब पिछले करीब एक साल से जांच की जा रही है और 50 से अधिक रेड किए जा चुके हैं. मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि अपने क्लेम पर पुनर्विचार करेंगे और सनसनीखेज बयानों से परहेज करेंगे जो तथ्य एवं आंखों के द्वारा सत्यापन नहीं हो क्योंकि ऐसा गैर जिम्मेदार बयान न केवल राज्य के संबंधित विभाग और उसके कर्मियों की छवि धूमिल करते हैं बल्कि झारखंड राज्य की छवि भी खराब होती है. इसके अलावा यह भी लगता है कि राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने रवि केजरीवाल से अवैध खनन में फंसाने के लिए बयान दिलवाया है केजरीवाल जेएमएम का एक सदस्य था और 2020 में निष्कासित किए जाने के पहले कोषाध्यक्ष के पद पर था. इसके बाद उसके विरूद्ध जेएमएम तरफ से थाने में मामाला भी दर्ज करिया गया.
तब से रवि केजरीवाल मेरा जानी दुश्मन बन चुका है और मुझे आश्चर्य नहीं होगा यदि वह मुझसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए. ईडी से निष्पक्ष रूप से बगैर किसी हिडेन एजेंडा और मोटिव के जांच किए जाने की अपेक्षा की जाती है. मैंने संविधान को अक्षुण्ण रखने की शपथ ली है और इस देश के ईमानदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन एवं कानून की मान्यता रखने के लिए आप के कार्यालय में आज निर्गत सम्मान के अनुपालन में उपस्थित रहूंगा.
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