• 15 अक्टूबर 2022 को मौत के हुए 21 दिन कोई पहल नहीं
धीरज शर्मा
Bishnugarh: बिष्णुगढ थाना क्षेत्र के अंतर्गत बंदखारो निवासी कोलेश्वर महतो के 40 वर्षीय पुत्र दुलारचंद महतो को 15अक्टूबर 22 को मलेशिया के अस्पताल में मौत हो गयी थी। जानकारी के अनुसार दुलारचंद महतो पिछले 1 ऑक्टूबर 2022 को मलेशिया गया।जहां ब्रेन हेमरज होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ उसकी शनिवार को मौत हो गयी। मौत की सूचना मिलते ही परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.
दुलारचंद महतो एलएनटी नामक कंपनी में काम करता था।वह अपने पीछे पत्नी यशोदा देवी,पुत्री सीता कुमारी(22),कंचन कुमारी(19) व पुत्र सुंदर कुमार (12) को छोड़ गया। वहीं इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूर दुलारचंद महतो का शव वतन लाने के लिए सोशल मीडिया ट्वीट के माध्यम से प्रवासी मजदूर के हितार्थ मैं कार्य करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली एंव उनके परिजनों के द्वारा विधायक, सांसद एवं सरकार से गुहार लगाई गई थी| जिससे अभी तक कंपनी के द्वारा किसी भी प्रकार से सूचना नही मिली है|
साथ ही सरकार मजदूर के हित में कुछ पहल नहीं की है. घर के परिजनों ने बताया की फोन के माध्यम से सूचना मिली है कि अभी तक शव का अंतिम संस्कार नही हुई है. उन्होने बताया था कि शव को वतन वापसी के लिए भेजा जाएगा साथ ही कंपनी द्वारा उचित मुआवजे भी दी जाएगी पर टाल मटोल कर फिर बोले की शव को नही भेजा जाएगा मुआवजा भेज दी जाएगी.
जो अब तक 21 दीन होने को चले किसी सरह से किसी भी तरह की सूचना नही मिली है| इस स्थिति में घर के परिजनों ने आस लगाए तड़प बिलख कर अधमरा हो गएं रो -रो कर बुरा हाल है| वहीं परिजनो ने दुलारचंद महतो का शव उचित मुआवज़े के साथ वतन लाने की अपील कर गुहार लगाई हैं||
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