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प्रसव के दौरान नवजात का दोनों हाथ टूटा


Ranchi : झारखंड के सरकारी अस्‍पतालों का हाल बुरा है। लापरवाही की रोज-रोज नई घटनाएं यहां सामने आ रही हैं। ताजा मामला राजधानी रांची के सदर अस्पताल का है, जहां डाक्टरों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। जिसमें प्रसव के दौरान एक नवजात के दोनों हाथ टूट (फ्रैक्चर) गए। जिसका इलाज किया गया। हालांकि नवजात बच्ची का हाथ अब जुट गया है, लेकिन अभी भी बच्ची को लेकर उसकी माता मानसिक रूप से काफी परेशान है। बच्ची को जन्म देने वाली मां मनीषा पाठक ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

प्रसूता ने कहा कि हड्डी का इलाज कर रहे डाक्टर ने भी समय पर इलाज नहीं किया। उन्‍होंने कहा कि डॉक्‍टर बोले, उनके पास इलाज के लिए अगर दोबारा आयी तो पांच हजार रुपए फीस लगेगा। रांची के इतने बड़े अस्पताल में गर्भवतियों के इलाज की विशेष व्यवस्था रखने व महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार करने का दावा किया जाता है। लेकिन जिस तरह से एक नवजात व उसकी मां के साथ व्यवहार किया गया वह शर्मसार करने वाली है।

हाथ टूटने की नहीं दी जानकारी, मां ने देखा नवजात का हाथ सूजा था.

गाड़ीखाना के निवासी मनीषा पाठक प्रसव पीड़ा के बाद सदर अस्पताल में भर्ती हुई। छह अक्टूबर को उसकी सर्जरी हुई और डा वीणा ने प्रसव कराया। इसके बाद बच्ची को न्यू नेटल में रखा गया। जब उसकी मां ने देखा कि बच्ची का हाथ सूजा हुआ है तो उसने इसकी शिकायत डाक्टर से की। इसके बाद उस बच्ची का एक्सरे कराया गया, जिसमें दोनों हाथ फैक्चर पाया गया। जिसके बाद भी इलाज तुरंत नहीं हुआ और इसके लिए कई दिनों तक हड्डी के डाक्टर के पास महिला जाती रही।

महिला ने बताया कि डा मुजामिल लगातार उसके इलाज के लिए गंभीर नहीं दिखें। बाद में हाथ में प्लास्टर जैसा किया गया फिर बताया गया कि 10 दिनों में हाथ जुड़ भी गया। मनीषा ने सरकार से सवाल किया है कैसे कोई भी इस तरह डाक्टरों पर अब भरोसा कर सकेगा। जब प्रसव में ही बच्चे का हाथ तोड़ दिया जाता है, क्या यही डाक्टर निजी अस्पताल में इस तरह की लापरवाही करती।

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इधर, डा मुजामिल बताते हैं कि इस तरह का मामला देखने को मिलता है, जब प्रसव के दौरान बच्ची का हाथ उलझा रहता है तो ऐसी बातें सामने आती हैं। इलाज सही दिशा में चली, बच्ची का हाथ भी जुट गया है। बच्ची को परेशानी हुई लेकिन इलाज भी सही दिशा में चली। परिजनों को घबराने की जरूरत नहीं है, वे बेवजह मामले को खिंच रहे हैं।

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