हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने से कई नेता नाराज नजर आ रहे हैं. जिसके बाद कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने तक का फैसला कर लिया है. इस बीच बीजेपी ऐसे बागी नेताओं पर सख्त होती दिख रही है.
हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी उठापटक तेज हो गई है. चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने से कई नेता नाराज नजर आ रहे हैं. जिसके बाद कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने तक का फैसला कर लिया है. इस बीच बीजेपी ऐसे बागी नेताओं पर सख्त होती दिख रही है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है, जबकि मतगणना आठ दिसंबर को होगी.
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इस बीच मंगलवार को भी बीजेपी ने बागी नेताओं पर अपनी कार्रवाई जारी रखी. जिसमें हिमाचल बीजेपी प्रभारी सुरेश कश्यप ने बागी नेता राम सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निलंबित कर दिया. राम सिंह हिमाचल की कुल्लू सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वे हिमाचल बीजेपी के उपाध्यक्ष थे.
सोमवार को भी 5 नेताओं पर हुई थी कार्रवाई
बता दें कि बीजेपी ने सोमवार को भी कार्रवाई करते हुए पार्टी से बगावत करने वाले 4 पूर्व विधायकों समेत 5 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया था. इन सभी पर 6 साल तक पार्टी से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने की रोक रहेगी. जिन नेताओं का सस्पेंशन हुआ है, वे सभी BJP के प्रत्याशियों के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ रहें हैं.
इन नेताओं को दिखाया गया बाहर का रास्ता
जिन पांच नेताओं पर बीजेपी ने एक्शन लिया गया है, उनमें किन्नौर के पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी, आनी से इन नेताओं को दिखाया गया बाहर का रास्ता.
आनी से पूर्व विधायक किशोरी लाल, इंदौरा से पूर्व विधायक मनोहर धीमान, नालागढ़ से पूर्व विधायक केएल ठाकुर और फतेहपुर से आने वाले पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष कृपाल परमार शामिल हैं.
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