1932 Khatiyan: झारखंड में 1932 का खतियान (1932 Khatian) ही स्थानीयता का आधार होगा. हेमंत सोरेन सरकार ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में बिल को विधानसभा (Jharkhand Assembly) से पारित करा लिया. विपक्ष की ओर से इसमें कई संशोधन आये, प्रवर समिति को भेजने का भी प्रस्ताव आया, लेकिन विनोद सिंह के संशोधन को छोड़कर किसी भी प्रस्ताव को मानने से सरकार ने इंकार कर दिया.
मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिये भारतीय जनता पार्टी और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी को विचित्र समूह की संज्ञा दी. इतना ही नहीं, उन्होंने विपक्षी दलों को राज्य को बर्बाद करने वाला गिरोह करार दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने जो स्थानीय नीति बनायी है, वह सिर्फ सरकारी नौकरी के लिए नहीं है। अन्य सभी रोजगार से भी इसे जोड़ा जायेगा। इस विधेयक का दायरा बहुत बड़ा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार भाजपा सरकार की तरह लोगों को छलने और ठगने का काम नहीं करती। भाजपा सरकार में नियुक्तियां निकलती थी और कानूनी पचड़े में फंस जाती थी। महागठबंधन की सरकार की नियुक्तियों में कभी कोई पेच नहीं फंसा।
विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने विधेयक में थर्ड एवं फोर्थ ग्रेड की नौकरी को स्थानीयता की नीति को नियोजन नीति से जोड़ा. कहा कि 1932 का खतियान जिन लोगों के पास होगा, वे लोग ही थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी के पात्र होंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुबह झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 को विधानसभा में पेश किया। इनका संशोधन करने का प्रस्ताव येन-केन-प्रकारेण इन विधेयकों को लटकाने की साजिश है। कहा कि यह समूह की विचित्र है. हम पिछले 20 वर्षों से देख रहे हैं कि राज्य का इस्तेमाल वस्तु की तरह हो रहा है। इन्होंने सिर्फ गंदगी फैलायी है. हमारी सरकार ने इनकी ओर से फैलायी गयी गंदगी को साफ किया।
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