साल 1940 में रूस ने सेना के साथ मिलकर पांच कैदियों पर 'रशियन स्लीप एक्सपेरिमेंट' किया गया. उन्हें 30 दिन बिना सोए एक कमरे में रहना था. इसके बदले उन्हे... रिहाई दी जानी थी. लेकिन ये एक्सपेरिमेंट इतना खतरनाक साबित हुआ, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. चलिए जानते हैं रूस के इस स्लीप एक्सपेरिमेंट के बारे...में विस्तार से.
दुनिया में आए दिन नए आविष्कार किए जाते हैं. ये सभी आविष्कार इंसानों की सहूलियत के लिए ही किए जाते हैं. लेकिन इनके एक्सपेरिमेंट के लिए अक्सर पहले जानवरों को चुना जाता है. जैसे कोरोना वैक्सीन को जब बनाया गया था तो पहले उसका एक्सपेरिमेंट चूहों और बंदरों पर किया गया था. जब देखा गया कि ये एक्सपेरिेमेंट के लिए इंसानों को ही चुना जाए. आज हम आपको ऐसे ही एक एक्सपेरिमेंट के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे करने के बाद एक ताकतवर देश खूब ट्रॉल हुआ था. चलिए जानते हैं इस एक्सपेरिमेंट के बारे में...
बात है साल 1940 की, जिस समय दुनिया में दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था. दुनिया में इसे लेकर काफी टेंशन चल रही थी. कई देश अपने दुश्मनों से लड़ाई के लिए जंग के मैदान में उतरे हुए थे. ऐसा ही एक देश रूस भी था. उसने भी कई दुश्मन देशों के लोगों को लड़ाई में हराकर बंधक बनाकर रखा था. उसी दौरान सेना के साथ मिलकर रूस के कुछ साइंटिस्ट एक खास चीज पर रिसर्च कर रहे थे. वे जानना चाहते थे कि एक इंसान बिना सोए रह सकता है या नहीं?
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