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निर्वाचन आयोग से आया जवाब- हेमंत सोरेन के खनन लीज मामले में जेएमएम को आरटीआइ के तहत नहीं मिलेगी जानकारी



Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज के मामले में भारतीय निर्वाचन आयोग में सुनवाई के बाद बंद लिफाफे में मंतव्य झारखंड के राज्यपाल के पास करीब 2 महीने पहले ही भेजा जा चुका है. इस मामले को लेकर राज्यपाल की तरफ से कोई भी खुलासा नहीं किया गया है.

मीडिया के सामने राज्यपाल ने एक बार लिफाफा बड़े कस कर चिपकने की बात कही, वहीं दूसरी बार उन्होंने कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग से दूसरी बार मंतव्य मांगा गया है. कभी भी एक-आध एटम बम फूट सकता है. वहीं जेएमएम की तरफ से राजभवन को सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया गया है, कि निर्वाचन आयोग के मंत्वय को साझा किया जाये.



आरटीआइ के तहत नहीं मिलेगी जेएमएम को जानकारी

झारखंड मुक्ति मोरचा की तरह बोकारो जिला निवासी कसमार प्रखंड के हेमंत कुमार महतो ने भी भारतीय निर्वाचन आयोग से खनन लीज मामले में आरटीआइ के तहत सूचना मांगी थी. जिसका जवाब हेमंत कुमार महतो को आ गया है. जवाब में बताया गया है कि मांगी गयी जानकारी और दस्तावेज को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8(1)(ड़) और 8(1)(ज) के तहत प्रकटीकरण से छूट दी गयी है. यदि आप उपलब्ध कराये गये जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो प्रथम अपील, इस पत्र की प्राप्ति से 30 दिनों के भीतर की जा सकती है.

इसके अलावा अपीलीय प्राधिकारी का विवरण दिया गया है. भारतीय निर्वाचन आयोग के जवाब से साफ होता है कि हेमंत सोरेन के खनन लीज के मामले को सूचना के अधिकार से बाहर रखा गया है. इसलिए न तो राजभवन औऱ न ही भारतीय निवार्चन आयोग इस मामले में मांगी गयी सूचना को देने के लिए बाध्य है. भारतीय निवार्चन आयोग की तरफ से दिये गये जवाब से साफ होता है कि राजभवन भी जेएमएम को किसी तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं करायेगा.

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