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Jharkhand News: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव 42 महीने बाद जेल से बाहर निकले, पत्नी अभी जेल में ही बंद...


RANCHI: झारखंड के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता योगेंद्र साव रविवार को सभी जरूरी कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद रांची स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से बाहर आ गये। जेल से बाहर आने पर उनके स्वागत के लिए उनकी बेटी बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद और कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह समेत अन्य समर्थक मौजूद थे। हालांकि अभी उनकी पत्नी और पूर्व विधायक निर्मला देवी जेल से बाहर नहीं आ सकी है.

जनता की आवाज को उठाने की सजा मिली: योगेंद्र साव

योगेंद्र साव ने जेल से बाहर आने पर अदालत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की ओर से लाये गये भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार में बदलने की कोशिश की गयी थी। इसके खिलाफ हजारीबाग में आंदोलन हुआ था। जनता के हक और अधिकार के लिए हुए आंदोलन से रघुवर दास सरकार बौखला गयी थी, जिसके कारण एक ही मामले को अलग-अलग भागों में बांट कर उनपर 10-10 झूठे मुकदमे करवा दिये गये.

उन्होंने कहा कि जनता की आवाज को दबाने के लिए उनपर 50 मामले दर्ज कराये गये, लेकिन अधिकांश मामलों में उन्हें न्याय मिल चुका है, कुछ अन्य मामले में भी जल्द ही न्याय मिल जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और पूर्व विधायक निर्मला देवी भी जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में जनता की आवाज को उठाने की सजा उन्हें मिली थी। लेकिन अब सीएम हेमंत सोरेन ने यह साफ कर दिया है कि वर्ष 2013 में बने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत ही किसी परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का काम होगा.

विधायक अंबा प्रसाद ने कहा-पिता, जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए फिर साथ होंगे

विधायक अंबा प्रसाद ने पिता योगेंद्र साव के जेल से बाहर आने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सत्य परेशान होता है, पराजित नहीं, यह कहावत चरितार्थ हुई। उन्होंने कहा कि आज महालया है और मां दुर्गा की असीम अनुकंपा से बड़कागांव की जनता की तपस्या, साथ और संघर्ष की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव पुनः जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए उनके साथ होंगे.

कांग्रेस प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के प्रतिनिधि के रूप में अनूप सिंह रहे मौजूद

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के जेल से बाहर आने की खुशी में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के प्रतिनिधि के रूप में विधायक अनूप सिंह उनके स्वागत के लिए जेल के बाहर मुख्य द्वार पर अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में योगेंद्र साव को फंसाने का काम किया गया था , लेकिन न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है, जल्द ही पूर्व विधायक निर्मला देवी भी जेल से बाहर आएंगी।

क्या है पूरा मामला

हजारीबाग के बड़कागांव क्षेत्र एनटीपीसी की ओर से किये जा रहे जमीन अधिग्रहण के विरोध में कफन सत्याग्रह किया गया था। यह आंदोलन पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर एनटीपीसी के खिलाफ चलाया था। मामले में वर्ष 2015 में बड़कागांव में गोली चली थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी। इस मामले में योगेंद्र साव पर दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज किये गये थे, जिसमें 11 मामलों में वे बरी हो चुके है, दो मामले में सजा हुई है.

 इससे पहले भी एक मामले में योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी को 10-10 वर्ष की सजा सुनायी गयी है। जबकि दूसरे मामले में निचली अदालत ने छह-छह महीने की सजा सुनायी है। इन मामलों में चार साल से अधिक समय तक योगेंद्र साव जेल में रहे। बीच में उन्हें झारखंड से बाहर रहने की शर्त पर जमानत मिली थी, लेकिन वर्ष 2019 में शर्ताें का उल्लंघन करने पर उनकी जमानत रद्द कर दी गयी थी। इसके बाद अब लगभग तीन साल (42 महीने) बाद योगेंद्र साव जेल से बाहर आ रहे हैं। वहीं इन मुकदमों की वजह से वे 7 साल से अपने विधानसभा क्षेत्र से दूर रहे। इस बीच वर्ष 2019 में उनकी बेटी अंबा प्रसाद चुनाव जीत कर आयीं.

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