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Jharkhand Crisis: विधानसभा का विशेष सत्र हेमंत का मास्टर स्ट्रोक, BJP को नुकसान का डर



Ranchi: Jharkhand Political Crisis झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता की संभावना के बीच सरकार द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने से मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा सकते हैं। पार्टी का मानना है कि सदस्यता पर संकट के बीच विधानसभा सत्र बुलाकर हेमंत सोरेन ने ऐसा दांव खेला है, जिससे परेशानी बढ़ सकती है। इससे आने वाले दिनों में सीधा फायदा सत्तारूढ़ गठबंधन को होगा। वित्तीय परेशानी के बावजूद पुरानी पेंशन योजना लागू कर हेमंत सरकार ने बड़ा दांव खेला है। राज्य की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि इसे लागू किया जा सके। मुख्य सचिव ने भी इससे अवगत कराया है.

आरक्षण बढ़ाने पर फैसला ले सकती सरकार

भाजपा के रणनीतिकार मानते हैं कि विशेष सत्र के दौरान सरकार आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने और स्थानीयता पर भी फैसले ले सकती है। पिछड़े वर्ग का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग अर्से से की जा रही है। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति का आरक्षण प्रतिशत भी बढ़ाया जा सकता है। स्थानीय नीति पर हेमंत सरकार जमीन के अंतिम सर्वे को आधार बनाना चाहती है। झामुमो के भीतर भी इसे लेकर दबाव है। मांग 1932 के खतियान को आधार बनाने की है, लेकिन यह कयास लगाया जा रहा है कि 1965 को कट आफ डेट बनाया जा सकता है.

BJP के नेता खुलकर बोलने से भी बच रहे

BJP में पसोपेश इस कदर है कि झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर पार्टी अपनी ओर से कुछ भी कहने से बच रही है। विधानसभा में विरोधी दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता और संगठन महामंत्री संग विमर्श के बाद ही पार्टी आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी करेगी। फिलहाल भाजपा की नजर राज्यपाल रमेश बैस के निर्णय पर है। भाजपा ने राज्यपाल पर सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा दबाव बनाने को गलत ठहराया है.

हेमंत सोरेन का विधानसभा सचिवालय को प्रस्ताव

विधानसभा के विशेष सत्र का एजेंडा हेमंत सरकार का विश्वास मत प्रस्ताव होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में विधानसभा सचिवालय को सूचित किया है। विधानसभा के प्रभारी सचिव जावेद हैदर के मुताबिक मुख्यमंत्री का प्रस्ताव कि, यह सभा वर्तमान मंत्रिपरिषद में विश्वास प्रकट करती है। सभा में पेश करने की अपनी इच्छा की सूचना दी है.

Daily Khabar99 ने सबसे पहले विधानसभा के विश्वास मत प्रस्ताव लाए जाने की सूचना प्रकाशित की थी। पांच सितंबर को आहूत विधानसभा का सत्र बीते चार अगस्त को सदन की कार्यवाही के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के स्थान पर बुलाई गई है। सत्र विधानसभा की कार्य संचालन एवं प्रक्रिया के नियम-15 के तृतीय परंतुक के मुताबिक आहूत की गई है.

इस नियम के मुताबिक अध्यक्ष समय-समय पर नियत समापन के समय उसी सत्र में अगली बैठक तक के लिए या अनिश्चितकाल के लिए सभा को स्थगित कर सकेगा। इस नियम के तृतीय परंतुक में इसका जिक्र है कि सभा के नेता के प्रस्ताव पर उसी दिन या तिथि विशेष से पूर्व जबतक के लिए सभा की बैठक स्थगित की गई हो या सभा के अनिश्चतकालीन के लिए स्थगित किए जाने के बाद किसी भी समय सभा की बैठक बुला सकेगा.

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