वहीं चांदी की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है और भाव 58 हजार रुपये प्रति किलो के करीब आ गए हैं.चांदी की कीमतों में ये उछाल धातु की इंडस्ट्रियल डिमांड की वजह से है. फेस्टिव सीजन की तैयारी के लिए चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ी हुई है और इसमें पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़त का रुख है. हालांकि सोने में पिछले कुछ दिनों में आई बढ़त आज खत्म हो गई.
कहां पहुंचे सोने और चांदी की कीमतें
रुपये में मजबूती के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 314 रुपये टूटकर 50,905 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी.
इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,219 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. वहीं, चांदी 760 रुपये उछलकर 57,974 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई.
पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 57,214 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव मामूली रूप से घटकर 1,723.60 डॉलर प्रति औंस रह गया, जो सोमवार को 1,723.70 डॉलर प्रति औंस था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 19.80 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई. यह सोमवार को 19.77 डॉलर प्रति औंस पर थी. एचडीएफसी के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, कॉमेक्स (कमोडिटी मार्केट ) में सोने की कीमतों में मजबूती के बावजूद रुपये की विनियम दर में तेजी से सर्राफा बाजार में 24 कैरट सोने की कीमत 314 रुपये प्रति दस ग्राम टूटी.
सोने की घटी चमक
फेडरल रिजर्व के सख्त कदमों की वजह से सोने का आकर्षण लगातार कम हो रहा है. दरअसल दरें बढ़ने के साथ निवेशक ज्यादा सुरक्षित सिक्योरिटीज में बेहतर रिटर्न के लिए पैसा लगा रहे हैं. पिछले 6 महीने में सोने की कीमतें 10 प्रतिशत गिर चुकी हैं. वहीं महामारी के दौरान अपने उच्चतम स्तर से कीमतें 20 प्रतिशत लुढ़क गई हैं. सोने में गिरावट से गोल्ड फंड कैटेगरी में पिछले 3 महीने का रिटर्न निगेटिव में रहा है. इसी वजह से गोल्ड ईटीएफ से भी पैसा निकालने की सिलसिला जारी है.अगस्त के महीने में गोल्ड ईटीएफ से 38 करोड़ रुपये निकाले गए. हालांकि इसी दौरान बाकी ईटीएफ में 7400 करोड़ रुपये की रकम आई है. यानि निवेशक अब सोने की जगह दूसरे निवेश विकल्पों पर जोर दे रहे हैं.
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