Ranchi: झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराने की सिफारिश के बीच एक ओर जहां राज्यपाल ने फैसले लेने से पहले कानून विदों से रॉय ली है. वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले महागठबंधन के विधायकों के साथ आज फिर बैठक कर रहे है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस बैठक के बाद महा गठबंधन के सभी विधायकों को रायपुर (छग) भेजा जाएगा। चर्चा है कि राज्यपाल कानून विदों से रॉय लेने के बाद सीएम के इस्तीफे या विधानसभा भंग करने जैसी संभावित फैसलों पर नजर लगाए हुए है. ऐसा होने की स्थिति में राज्यपाल तत्काल सीएम को अयोग्य घोषित कर सकते है. जिससे विधानसभा भंग करने जैसी सिफारिश को खारिज किया जा सके. झारखण्ड के राजनीतिक हालात को देखते हुए घटनाक्रम पर सबकी नजर टिकी हुई है. थोड़ी देर में बचे हुए सभी विधायक सीएम हाउस पहुंचेंगे.
हालांकि कल मंत्री आलमगीर आलम ने बयान दिया था कि राज्य में अगर जरूरत पड़ेगी तो बंगाल में रह रहे हमारे तीन विधायकों को भी रांची बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल को जो रिपोर्ट भेजी है, उसका कोई नोटिस नहीं मिला है। राजभवन से निर्देश आने के बाद निर्णय होगा। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के किए ट्वीट पर 'रिसोर्ट पॉलिटिक्स' को लेकर पूछे सवाल पर आलमगीर ने कहा कि सभी विधायक एकजुट हैं। हमें अपने विधायकों को कहीं ले जाने की जरूरत नहीं है। सभी विधायकों को रांची में ही रहने का निर्देश दिया गया है। कांग्रेस का कोई विधायक छत्तीसगढ़ या दूसरी जगह नहीं जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पूरी तरह एकजुटता के साथ खड़ी है। जिस तरह की राजनीति की जा रही है, हम लोग उसके खिलाफ लड़ेंगे। हम लोग बंगाल या छत्तीसगढ़ क्यों जाएंगे। हम लोग डरने वालों में से नहीं हैं। रांची में रहेंगे तमाम समस्याओं का सामना कर रास्ता निकालेंगे.
0 Comments